Fish Farming : सर्दी का मौसम आते ही देश के किसानों के लिए एक नई चुनौती सामने आ जाती है- मछलियों की देखभाल. जहां खेती में ठंड का असर सीधा फसलों पर पड़ता है, वहीं मछलियों पर भी इसका गहरा प्रभाव होता है. लेकिन अगर किसान थोड़ी समझदारी दिखाएं और कुछ खास उपाय अपनाएं, तो इस ठंडी में भी मछली पालन से 1 से 2 लाख रुपये तक की शानदार आमदनी हासिल की जा सकती है. मत्स्य पालन आज गांव-देहात के किसानों की अतिरिक्त कमाई का मजबूत जरिया बन चुका है, बस जरूरत है सही समय पर सही देखभाल की.
ठंड में क्यों बढ़ता है मछलियों का खतरा?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दी बढ़ने पर तालाब का पानी बहुत ठंडा हो जाता है, जिससे मछलियों की भूख कम हो जाती है. जब मछलियां खाना कम खाती हैं तो उनका विकास रुक जाता है और कई बार उनकी मृत्यु भी हो जाती है. ठंड में पानी की सतह और नीचे की परतों का तापमान अलग-अलग हो जाता है, जिससे मछलियों की सेहत पर असर पड़ता है. इसलिए किसान को सर्दी के मौसम में तालाब का तापमान संतुलित रखना बेहद जरूरी है.
तापमान का रखें खास ध्यान
विशेषज्ञों के अनुसार, मछलियों की सही वृद्धि 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में होती है. अगर पानी बहुत ठंडा हो जाए तो मछलियां सुस्त हो जाती हैं और उनका खाना पचता नहीं. ऐसे में किसान कोशिश करें कि तालाब के पानी का तापमान स्थिर रहे.
- तालाब को खुले मैदान की बजाय ऐसी जगह बनाएं जहां धूप ठीक से पहुंचे.
- सर्द रातों में तालाब के किनारे सूखी घास या प्लास्टिक शीट से हवा रोकने का इंतजाम करें.
- अगर संभव हो, तो पानी में एरेटर (air pump) लगाएं ताकि पानी में ऑक्सीजन बनी रहे.
मछलियों को दें पौष्टिक और प्रोटीन युक्त आहार
सर्दी के मौसम में मछलियों की सेहत बनाए रखने के लिए उन्हें प्रोटीन युक्त आहार देना बहुत जरूरी है. किसान चाहें तो मछलियों के लिए प्रोटीन की गोलियां बनाकर रोज तय मात्रा में तालाब में डालें. इससे मछलियों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और वे ठंड को सह पाएंगी.
- मूंगफली की खली, सरसों की खली, या सोयाबीन पाउडर बहुत अच्छा फीड माना जाता है.
- मछलियों को सुबह और शाम हल्की धूप में ही खाना खिलाएं.
- ज्यादा ठंडे पानी में फीड न डालें, वरना खाना बर्बाद हो जाएगा.
रोजाना ताजा पानी जरूर चलाएं
सर्दी में तालाब के पानी की ऊपरी परत ठंडी और निचली परत गर्म रहती है, जिससे मछलियों को सांस लेने में दिक्कत होती है. इसलिए किसानों को रोजाना 2 से 3 घंटे तक तालाब में ताजा पानी का प्रवाह बनाए रखना चाहिए. मछलियों की परतें कुछ इस तरह होती हैं-
- ऊपरी परत में कतला (Catla)
- बीच वाली परत में रोहू (Rohu)
- नीचे वाली परत में मृगल (Mrigal)
अगर पानी बहुत ठंडा हो जाए तो ये परतें गड़बड़ा जाती हैं और मछलियों की मौत भी हो सकती है.
विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें
अगर मछलियों का व्यवहार बदल जाए- जैसे वे खाना कम खाने लगें, सुस्त दिखें या बार-बार सतह पर आने लगें- तो यह खतरे का संकेत है. ऐसे में तुरंत मत्स्य विभाग या किसी Fish Expert से संपर्क करें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मछलियों के लिए जरूरी दवाएं, सही फीड और तालाब की देखभाल के तरीके बता सकते हैं. याद रखें, समय पर इलाज से बड़ा कोई बचाव नहीं होता.
मछली पालन से कमाई के बड़े मौके
आज देश के कई राज्यों में मछली पालन तेजी से बढ़ रहा है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में हजारों किसान इससे हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं. अगर आप 1 से 2 एकड़ में तालाब बनाकर सही तरीके से मछली पालन करते हैं, तो एक साल में 1 से 2 लाख रुपये तक की आमदनी संभव है. कतला, रोहू, मृगल और तिलापिया जैसी मछलियों की बाजार में भारी मांग रहती है. सरकारी योजनाओं के तहत कई राज्यों में मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं.