इजरायल तकनीक से सब्जी उत्पादन बढ़ा, एमपी में टमाटर-मिर्च और खीरा-ककड़ी की बंपर पैदावार

इस परियोजना के तहत तकनीक के माध्यम से तैयार किए गए सीडलिंग को किसानों में वितरित कर उन्हें आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। बिना मौसम की सब्जियों का उत्पादन केंद्र में बिन मौसम सब्जियों जैसे शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि का उत्पादन किया जा रहा है।

नोएडा | Updated On: 29 Jul, 2025 | 07:54 PM

मध्य प्रदेश में मुरैना जिले के नूराबाद क्षेत्र में चल रही इंडो-इजराइल कृषि परियोजना सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला रही है. नूराबाद स्थित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence for vegetables) में हाईटेक पॉलीहाउस तकनीक से उन्नत किस्म की सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ जिले के किसान लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन रही है. ऐसे में जो किसान सब्जी उगाते हैं या फिर वैसे किसान जो सब्जी उगाने कि सोच रहे हैं उनको सब्जी उत्पादन के इस नए तकनीक को जरुर जानना और समझना चाहिए. किसान इस नई तकनीक को अपना कर फसल की उपज को बढ़ाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

क्या है इंडो- इजरायल कृषि परियोजना

इंडो- इजरायल परियोजना भारत और इजराइल के संयुक्त सहयोग से मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में संचालित की जा रही है. इसी कड़ी में इजरायली हॉर्टिकल्चर वैज्ञानिक यूरी रॉबस्टिन मध्यप्रदेश के मुरैना पहुंचे हैं. जहां वे नूराबाद स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल का दौरा किया. प्रसार भारती के अनुसार यहां पर उन्होंने कृषि परियोजना का निरीक्षण कर तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया है साथ ही साथ उन्होंने सीडलिंग उत्पादन तकनीक और संचालन प्रक्रिया का बारीकी से अवलोकन किया. तकनीक नवाचार के इस केन्द्र में ड्रिप इरीगेशन, पॉलीहाउस, नेट हाउस और ओपन फील्ड डेमोन्स्ट्रेशन जैसे अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग सब्जी उगाने में किया जा रहा है. इस समय केंद्र में लगभग 60,000 टमाटर व मिर्च की सीडलिंग तैयार की जा चुकी है, वहीं 20,000 शिमला मिर्च की बुवाई की जा रही है.

प्रशिक्षण के साथ मुनाफा भी कमा रहे किसान

इस परियोजना के तहत तकनीक के माध्यम से तैयार किए गए सीडलिंग को किसानों में वितरित कर उन्हें आधुनिक खेती के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। बिना मौसम की सब्जियों का उत्पादन केंद्र में बिन मौसम सब्जियों जैसे शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि का उत्पादन किया जा रहा है। इन सब्जियों की मार्केट वैल्यू अधिक है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है. न सिर्फ मुरैना बल्कि देश के विभिन्न कोनों में यहां की सब्जियां भेजी जा रही हैं.

ग्रामीण अंचलों तक पहुंचेगी तकनीक

इस परियोजना का उद्देश्य केवल नूराबाद तक सीमित नहीं है. आगे चलकर मुरैना जिले के विभिन्न ग्रामों में चयन कर किसानों को प्रशिक्षण देकर वहीं पर से हाईटेक प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की जाएगी, जिससे जिलेभर में सब्जी उत्पादन की एक नई लहर दौड़ेगी. वहीं उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक का कहना है कि इस केंद्र के माध्यम से किसानों को न केवल उन्नत बीज और सीडलिंग दी जा रही है, बल्कि कृषि तकनीक का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे पारंपरिक खेती से हटकर स्मार्ट और लाभकारी कृषि की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके.

इंडो-इजराइल सहयोग से बना यह हॉर्टिकल्चर सेंटर मुरैना के किसानों को आधुनिक कृषि से जोड़ने की एक सशक्त पहल है. आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट किसानों को आर्थिक रुप से मजबूती करने के साथ खेती के स्परूप को पूरी तरह बदल सकता है.

Published: 29 Jul, 2025 | 08:55 PM