31 जुलाई के बाद भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी समिति-इफको (IFFCO) को नया मैनेजिंग डायरेक्टर मिल सकता है. क्योंकि मौजूदा मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है. यानी वे अपने पद से रिटायर हो डाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, IFFCO बोर्ड उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने के मुड में नहीं है. इसका तलब है कि IFFCO बोर्ड अब नए मैनेजिंग डायरेक्टर के लिए नया चेहरा चुनेगा.
भले ही डॉ. उदय शंकर अवस्थी का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाए, लेकिन उनके नेतृत्व में IFFCO ने काफी तरक्की की. उनके नेतृत्व में ही नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की लॉन्चिंग की गई. हालांकि, किसान नैने यूरिया और नैनो डीएपी को पसंद नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि दानेदार यूरिया और डीएपी की तरह नैनो में उर्वरता नहीं है. हालांकि, ऐसे भी डॉ. उदय शंकर अवस्थी की उम्र 80 साल के करीब हो गई है. उन्होंने खुद ही बढ़ती उम्र का हवाला देत हुए 31 जुलाई के बाद काम नहीं करने का फैसला लिया है.
लोग कहते हैं ‘फर्टिलाइजर मैन ऑफ इंडिया’
हाल ही में द टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक खास इंटरव्यू में डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने इफको (IFFCO) की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि कैसे इफको ने किसानों के लिए जनरल इंश्योरेंस शुरू किया और ग्रामीण भारत के केंद्र में टेक्नोलॉजी और फाइनेंस से जुड़ी सेवाएं शुरू कीं. डॉ. अवस्थी ने कहा था कि किस तरह दूरदर्शिता, मेहनत और कुछ बड़े फैसलों ने इफको को एक किसान-हितैषी और मजबूत कोऑपरेटिव संगठन में बदल दिया. खास बात यह है कि प्यार से डॉ. उदय शंकर अवस्थी को ‘फर्टिलाइजर मैन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है.
1993 में इफको के सीईओ के रूप में संभाली जिम्मेदारी
डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने 1993 में इफको के सीईओ के रूप में जिम्मेदारी संभाली और सहकारिता क्षेत्र में एक नए दौर की शुरुआत की. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले डॉ. अवस्थी एक प्रतिष्ठित प्रोफेशनल हैं और ग्लोबल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री में एक मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ माने जाते हैं. करीब 50 साल के अनुभव के साथ उन्होंने इफको को दुनिया की अग्रणी उर्वरक कंपनी बनाने में अहम भूमिका निभाई है. वो एक सच्चे दूरदर्शी हैं.
इफको की उत्पादन क्षमता में 292 फीसदी का इजाफा
उन्होंने पारंपरिक कृषि ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़कर इफको की विकास यात्रा को तेज किया और सिर्फ 20 सालों (1992-93 से 2013-14) में इफको की उत्पादन क्षमता में 292 फीसदी का इजाफा हुआ, जो 75.86 लाख मीट्रिक टन सालाना तक पहुंच गई. इसी तरह कंपनी का नेट वेल्यू 688 फीसदी बढ़कर 6,510 करोड़ रुपये और टर्नओवर 2095 फीसदी बढ़कर 20,846 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.