दिसंबर में टमाटर, बैंगन, फूलगोभी नहीं इस फसल की करें खेती.. 2 महीने तक लगातार होगी कमाई

किसान खेती शुरू करने से पहले केवल सर्टिफाइड संस्थान से ही स्पॉन खरीदें, ताकि क्वालिटी बनी रहे. खेती के लिए धान के पैरा या खेत में बचे फसल अवशेषों से कम्पोस्ट तैयार किया जा सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 9 Dec, 2025 | 03:34 PM

Mushroom Farming: सर्दी के मौसम आते ही सब्जियों का सीजन शुरू हो जाता है. फूलगोभी, पालक, हरी मटर, बैंगन, शिमला मिर्च और गाजर-मूली की मांग बढ़ जाती है. ऐसे में अधिकांश किसान इन सब्जियों की खेती करते हैं. किसानों को लगता है कि सबस ज्यादा कमाई इन हरी सब्जियों में ही है. लेकिन ऐसी बात नहीं है. अगर किसान सर्दी के मौसम में मशरूम की खेती करते हैं, तो कम लगात में बंपर खेती होगी. खास बात यह है कि इसके लिए किसानों को ज्यादा मेहन करने की भी जरूरत नहीं है. बस नीचे बताए गए आसान तरीकों को अपनाना होगा.

दरअसल, दिसंबर का महीना मशरूम की खेती के लिए सबसे अच्छा माना गया है. क्योंकि ठंडी और नमी वाली हवा के चलते पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है. अगर इस समय आप मशरूम  की खेती शुरू करते हैं, तो कम मेहनत और खर्च में अच्छा मुनाफा होगा. खासकर बटन और ऑयस्टर मशरूम  मांग इन दिनों बढ़ जाती है. ऐसे बटन मशरूम 60-80 दिन में और ऑयस्टर मशरूम 25-40 दिन में तैयार हो जाती है. बड़ी बात यह है कि एक बार इनकी बुवाई करने पर लगातार दो महीने तो उत्पादन मिलता रहेगा. इससे किसानों की बंपर कमाई होगी.

यहां से खरीदें शमरूम की खेती

एक्सपर्ट के मुताबिक, किसान खेती शुरू करने से पहले केवल सर्टिफाइड संस्थान से ही स्पॉन खरीदें, ताकि क्वालिटी बनी रहे. खेती के लिए धान के पैरा या खेत में बचे फसल अवशेषों से कम्पोस्ट तैयार किया जा सकता है. पैरा को 12-14 घंटे पानी में भिगोकर या उबालकर हल्का सुखाया जाता है. ध्यान रहे कि इसमें 60-70 फीसदी नमी बनी रहे. फिर कम्पोस्ट तैयार होने के बाद इसे पॉलीथिन बैग  में परत दर परत भर दें और हर परत में मशरूम का बीज यानी स्पॉन बोएं. यह प्रक्रिया चार-पांच परत तक की जाती है और अंत में बैग को अच्छी तरह ढक दिया जाता है. इसके लिए ऐसी जगह चुनें जहां छाया, नमी और हवा का प्रवाह अच्छा हो.

10-20 डिग्री के बीच रखें तापमान

साथ ही तापमान 10-20 डिग्री के बीच रखना जरूरी है, वरना फफूंद लग सकती है. उपज बढ़ाने के लिए कम्पोस्ट में पोटाश, डीएपी, यूरिया या जैविक खाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट और नीम कोटेड यूरिया मिलाई जा सकती है. मशरूम की खेती घर, ग्रीन नेट, पॉलीहाउस  या शेड में की जा सकती है. लगभग 60-70 दिनों में कम्पोस्ट सफेद रंग का हो जाता है, जो मशरूम की वृद्धि शुरू होने का संकेत है. इस समय पॉलीथिन बैग में छोटे-छोटे छेद कर दें, जिससे कुछ ही दिनों में सफेद छत्ते जैसे मशरूम बाहर निकल आते हैं. जैसे ही मशरूम पूरी तरह विकसित हो जाए, तुरंत कटाई कर लें ताकि ताजगी और बाजार मूल्य बना रहे. बटन और ऑयस्टर मशरूम की मांग होटल, रेस्टोरेंट और रिटेल मार्केट में लगातार बढ़ रही है. वर्तमान में इनका दाम लगभग 150 रुपये प्रति किलो है. दो से चार महीने में किसान 70 हजार से एक लाख रुपये तक कमा सकते हैं

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