धान पैकिंग में प्लास्टिक बैग्स का उपयोग क्यों है खतरनाक? जानिए कारण

प्लास्टिक बैग्स में नमी को रोकने की खासियत होती है. अगर धान को प्लास्टिक बैग्स में पैक किया जाता है, तो अंदर की नमी बाहरी वातावरण से रुक जाती है.

Kisan India
Noida | Published: 24 Mar, 2025 | 04:20 PM

धान की फसल का पैकिंग और भंडारण बहुत महत्वपूर्ण है. यदि धान को सही तरीके से पैक और स्टोर नहीं किया जाता, तो उसकी ताजगी और गुणवत्ता खराब हो सकती है. आजकल कुछ किसान धान को पैक करने के लिए प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह आदत काफी समस्याओं का कारण बन सकती है. आइए जानते हैं कि धान पैकिंग के लिए प्लास्टिक बैग्स का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए.

नमी रहती है बरकरार

प्लास्टिक बैग्स में नमी को रोकने की खासियत होती है. अगर धान को प्लास्टिक बैग्स में पैक किया जाता है, तो अंदर की नमी बाहरी वातावरण से रुक जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि बैग्स के अंदर नमी का स्तर बढ़ जाता है. नमी के कारण धान में फफूंदी और सड़न लग सकती है, जिससे उसकी गुणवत्ता में गिरावट आती है. अधिक नमी के कारण धान खराब हो सकती है और उसे उपयोग करना मुश्किल हो सकता है.

हवा का अभाव

धान को ताजे और सूखा रखने के लिए हवा का बहाव जरूरी होता है. लेकिन प्लास्टिक बैग्स में हवा का कोई रास्ता नहीं होता, जिससे अंदर हवा रुक जाती है. इस वजह से फंगस (फफूंदी), कीड़े और बैक्टीरिया का विकास हो सकता है. इनकी वजह से धान जल्दी खराब हो जाती है और उसकी ताजगी भी खत्म हो जाती है.

कीटों का प्रकोप

प्लास्टिक बैग्स में हवा की कमी के कारण कीटों जैसे चूहे, कीड़े और फफूंदी का प्रकोप बढ़ सकता है. ये कीट धान को नुकसान पहुंचाते हैं, उसे खा सकते हैं और उसकी गुणवत्ता खराब कर सकते हैं. इसके अलावा, जब कीट एक बैग में पनप जाते हैं, तो ये अन्य बैग्स में भी फैल सकते हैं और पूरे भंडारण में नुकसान पहुंचा सकते हैं.

पर्यावरण पर प्रभाव

प्लास्टिक बैग्स पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होते हैं. प्लास्टिक बैग्स बायोडिग्रेडेबल नहीं होते, यानी ये प्राकृतिक रूप से नष्ट नहीं होते. अगर इन्हें ठीक से नष्ट नहीं किया जाता, तो ये पर्यावरण में प्रदूषण फैलाते हैं.

भंडारण समस्याएं

धान को लंबे समय तक भंडारण में रखने के लिए सही वातावरण की जरूरत होती है. अगर धान को प्लास्टिक बैग्स में रखा जाता है, तो उसमें हवा का बहाव नहीं हो पाता और धान में सड़न की समस्या हो सकती है. इसके साथ ही, प्लास्टिक बैग्स में नमी का जमा होना धान की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डाल सकता है.

गुणवत्ता पर असर

जब धान को जूट या कपड़े के बैग्स में पैक किया जाता है, तो इनमें हवा का बहाव होता है. इससे धान ताजे और सूखी रहती है और उसकी गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है. जूट या कपड़े के बैग्स में धान की ताजगी बनी रहती है, क्योंकि इनमें नमी को नियंत्रित किया जा सकता है. इसके विपरीत, प्लास्टिक बैग्स धान की ताजगी और गुणवत्ता को बनाए रखने में सक्षम नहीं होते.

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