ये शख्स न होता तो आज भी गेहूं की जगह जौ-रागी की रोटी खा रहे होते? खेती को आधुनिक बनाने वाले कौन थे चिदंबरम सुब्रमण्यम

गेहूं पैदावार में भारत के दुनिया में दूसरे स्थान तक पहुंचने का सफल काफी मुश्किल भर रहा है. कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति का नेतृत्व करने वाले चिदंबरम सुब्रमण्यम की आज 7 नवंबर 2025 को पुण्यतिथि है. वह उस वक्त देश के कृषि मंत्री थे जब हरित क्रांति शुरू की गई है और उनके निर्देशन में एमएस स्वामीनाथन समेत अन्य कृषि वैज्ञानिकों ने नई किस्मों पर शोध और विकास शुरू किया.

नई दिल्ली | Updated On: 7 Nov, 2025 | 02:56 PM

Chidambaram Subramaniam Journey: भारत वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है. भारत में 2024-25 फसल सीजन में 1170 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन हुआ है. गेहूं पैदावार में भारत के दुनिया में दूसरे स्थान तक पहुंचने की बहुत लंबी लड़ाई रही है. साल 1950 में मात्र 64 लाख टन गेहूं का उत्पादन था, जो खपत के मुकाबले बेहद कम था. उस वक्त घरों में आमतौर पर जौ, बाजरा, मक्का और रागी की रोटी खाने का चलन था, जब कोई रिश्तेदार आता था तभी गेहूं की रोटी बनती थी. पूरे देशवासियों को गेहूं की रोटी खिलाने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए चिदंबरम सुब्रमण्यम का बड़ा योगदान है. ये भी कहा जाता है कि अगर उन्होंने 1966 में हरित क्रांति का नेतृत्व न किया होता तो आज भी लोगों की रसोई से गेहूं का आटा दूर होता. देश के कृषि मंत्री रहे चिदंबरम सुब्रमण्यम की आज पुण्यतिथि है.

कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 1950-51 के दौरान देश में गेहूं का उत्पादन बेहद कम था. उस वक्त मात्र 64 लाख टन से भी कम गेहूं का उत्पादन होता था, जो खपत के मुकाबले बहुत कम था. आबादी की खपत पूरी करने के लिए अमेरिका से गेहूं आयात किया जाता था. अमेरिकी बेहद हल्की वैरायटी का और खराब गेहूं भारत को सप्लाई करता था. गेहूं उत्पादन बढ़ाने के लिए उस वक्त 1966 में कांग्रेस सरकार ने चिदंबरम सुब्रमण्यम को केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया था. उनके नेतृत्व में ही हरित क्रांति की शुरुआत हुई थी. उन्होंने कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन, बी शिवरमन को कृषि उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेदारी दी थी और नई किस्मों के विकास की शुरुआत कराई थी.

अंग्रेजों के खिलाफ सड़क पर उतरे और भारत रत्न तक पहुंचे

अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन से चर्चित होने वाले चिदंबरम सुब्रमण्यम (C. Subramaniam) का जन्म 30 जनवरी 1910 को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में हुआ था. वह तत्कालीन मद्रास स्टेट में शिक्षा, वित्त और कानून मंत्री थे और पहले विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे. बाद में वह केंद्र सरकार वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री के साथ साथ साल 1966 में कृषि मंत्री भी बनाए गए थे. बाद में वह महाराष्ट्र के गवर्नर भी रहे. साल 1998 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. आज के ही दिन 7 नवंबर 2000 में उन्होंने अंतिम सांस ली थी.

कृषि मंत्री रहते हुए शुरू कराई हरित क्रांति

चिदंबरम सुब्रमण्यम 1964 से 1966 तक भारत के कृषि मंत्री रहे. उन्हें उस वक्त कृषि मंत्री का पदभार मिला जब देश में कृषि उत्पादन बेहद कम था. गेहूं अमेरिका से आयात किया जाता था. लोग, मोटे अनाज की रोटियां खाते थे. 1996 में उन्होंने हरित क्रांति का नेतृत्व किया और गेहूं समेत अन्य फसलों के नए बीजों के विकास और शोध पर ध्यान केंद्रित किया. उनके नेतृत्व में महान कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने परंपरागत खेती को नई ऊंचाईयां दीं. उस दौर को खेती के विकास के लिहाज से हरित क्रांति का नाम मिला.

64 लाख से 98 लाख टन पहुंचे और अब रिकॉर्ड 1170 लाख टन गेहूं उत्पादन

उस वक्त में आमतौर पर घरों में जौ, बाजरा, मक्का और रागी की खाने का चलन था, जब कोई रिश्तेदार आता था तभी गेहूं की रोटी बनती थी. चिदंबरम सुब्रमण्यम के नेतृत्व में गेहूं की नई किस्में विकसित होने के बाद गेहूं का उत्पादन बढ़ा. साल 1950 से 1959 तक 64 लाख टन गेहूं का उत्पादन होता था. हरित क्रांति आने के बाद साल 1966 में भारत का गेहूं उत्पादन बढ़कर 98.5 लाख टन पहुंच गया. अगले एक दशक में गेहूं उत्पादन ने नया रिकॉर्ड बना दिया और भारत आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा दिए.

चिदंबरम सुब्रमण्यम. (दायें- पुरानी तस्वीर-सोशल मीडिया से)

दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन में दूसरा नंबर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है. भारत में 2024-25 फसल सीजन में 1170 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं का उत्पादन हुआ है. जबकि, फसल सीजन 2025-26 में इसे बढ़ाकर 1190 लाख मीट्रिक टन के पार ले जाने का टारगेट है. वैश्विक स्तर पर चीन सबसे ज्यादा गेहूं पैदा करता है. उसके बाद भारत दूसरे स्थान पर है. गेहूं उत्पादन में रूस तीसरे और अमेरिका चौथे नंबर पर है.
वहीं, भारत में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादक राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है और पंजाब दूसरे, हरियाणा तीसरे और मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है.

ICAR, NSC से लेकर FCI तक की शुरुआत कराई

चिदंबरम सुब्रमण्यम ने अपने कार्यकाल में कृषि विकास के लिए कई अहम काम किए थे, जिनमें कई संस्थानों की स्थापना के साथ कई नए कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करना शामिल है –

  1. अनुसंधान को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के इरादे से उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का पुनर्गठन किया.
  2. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करने के लिए कृषि मूल्य आयोग (CACP) की स्थापना कराई.
  3. बेस्ट क्वालिटी के बीजों की आपूर्ति के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) को शुरू कराया.
  4. खाद्यान्न की खरीद, भंडारण और वितरण के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) की स्थापना कराई.
  5. हरित क्रांति क्षेत्रों में जल उपलब्धता पक्का करने के लिए सिंचाई विस्तार कार्यक्रम शुरू किया.
  6. किसानों को सस्ती कीमतों पर खाद उपलब्ध कराने के लिए उर्वरक सब्सिडी व्यवस्था लागू कराई.
Published: 7 Nov, 2025 | 02:51 PM

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