केंद्र ने तेलंगाना में 1,972 मीट्रिक टन सूरजमुखी के बीज की खरीद को मंजूरी दी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी 2024-25 सीजन के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तेलंगाना में सूरजमुखी के बीजों की खरीद को मंजूरी दे दी है.

केंद्र ने तेलंगाना में 1,972 मीट्रिक टन सूरजमुखी के बीज की खरीद को मंजूरी दी
Noida | Published: 4 Mar, 2025 | 07:48 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी 2024-25 सीजन के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तेलंगाना में सूरजमुखी के बीजों की खरीद को मंजूरी दे दी है. यह फैसला तेलंगाना सरकार के अनुरोध के बाद लिया गया है, जिसमें सूरजमुखी की खेती करने वाले किसानों के लिए समर्थन मांगा गया था. केंद्र सरकार के इस फैसले को राज्‍य के किसानों के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.

कुल कितना उत्‍पादन

आधिकारिक जानकारी के अनुसार केंद्र ने अधिकतम 1,972 मीट्रिक टन (एमटी) सूरजमुखी के बीजों की खरीद को मंजूरी दी है. यह राज्य की तरफ से बताए गए कुल उत्पादन के 25 फीसदी या रबी 2023-24 के लिए अंतिम अग्रिम अनुमानों के 25 फीसदी, जो भी कम हो, पर आधारित है. रबी 2023-24 के लिए तेलंगाना में कुल सूरजमुखी के बीज का उत्पादन 15,280 मीट्रिक टन होने का अनुमान है जबकि राज्य ने 7,887 मीट्रिक टन की रिपोर्ट की है.

90 दिनों तक रहेगी वैध

खरीद प्रक्रिया भारतीय राष्‍ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और भारतीय राष्‍ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) की तरफ से की जाएगी. तेलंगाना सरकार को खरीद शुरू होने की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया गया है. यह खरीद सूचना जारी होने की तारीख से 90 दिनों तक वैध रहेगी. पीएसएस दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय नोडल एजेंसियों को खरीद केंद्रों की पहचान करने, भंडारण सुविधाओं को सुरक्षित करने, बोरियों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और जीपीएस ट्रैकिंग के साथ परिवहन की व्यवस्था करने सहित जरूरी व्यवस्थाएं करने की आवश्यकता है.

राज्‍य सरकार को दिए गए निर्देश

राज्य सरकार को खरीद के तीन दिनों के अंदर किसानों को भुगतान की सुविधा के लिए जरूरी लिक्विडीटी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है. खरीद पंजीकृत किसानों से उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) सूरजमुखी के बीजों तक ही सीमित रहेगी. इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री और बीआरएस विधायक टी हरीश राव ने रविवार को तेलंगाना सरकार से कहा था कि वह कटी हुई फसलों – मुख्य तौर पर सूरजमुखी – के लिए जल्द से जल्द खरीद केंद्र स्थापित करे. मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को लिखी चिट्ठी में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बीआरएस शासन के दौरान किसानों को तिलहन उत्पादन बढ़ाने के तरीके सिखाए गए थे.

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