ओडिशा के आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के लिए पंजीकरण की रफ्तार बहुत ही धीमी है. ऐसे में कृषि अधिकारियों ने पंजीकरण प्रक्रिया को तेजी लाने के लिए निगरानी कड़ी कर दी है. कहा जा रहा है जिले में अभी तक 8 फीसदी लाभार्थियों का ही पंजीकरण हो पाया है. हालांकि, पंजीकरण प्रक्रिया फरवरी से ही चल रही है, जिसका उद्देश्य किसानों की एक स्पष्ट और सत्यापित पहचान सूची तैयार करना है.
कृषि अधिकारियों के मुताबिक, एक बार जब किसान पीएम-किसान योजना के तहत पंजीकृत हो जाएंगे, तो इसी डेटा का उपयोग मुख्यमंत्री किसान (सीएम-किसान) योजना के लिए किया जाएगा. पहले इसे राज्य में बीजद सरकार के कालिया योजना के नाम से जाना जाता था. कृषि विभाग के सूत्रों ने कहा कि अब तक जिले में 1,90,805 किसानों के लक्ष्य के मुकाबले 15,291 किसानों का पंजीकरण हुआ है, जो मुश्किल से 8 फीसदी है. वहीं, अधिकारियों ने पंजीकरण की धीमी गति के लिए अनिवार्य ई-केवाईसी और किसानों के कई व्यक्तिगत दस्तावेजों में जानकारी का मेल न खाने सहित विभिन्न कारणों को जिम्मेदार ठहराया.
जिले में हैं कुल इतने लाख किसान
रिकॉर्ड के अनुसार जिले में करीब 2.68 लाख किसान हैं, जिनमें करीब 1.28 लाख सीमांत किसान, 1.08 लाख छोटे किसान, 20,200 अर्ध-मध्यम किसान, 10,200 मध्यम किसान और 1,290 बड़े किसान शामिल हैं. इसके अलावा, सुंदरगढ़ में करीब 17,000 बटाईदार किसान हैं. कई मामलों में पाया गया है कि किसान परिवारों के मुखिया की मौत के बाद भी भूमि रिकॉर्ड अपडेट नहीं किए गए हैं. संयुक्त भूमि वाले ऐसे परिवारों के किसानों को योजना का लाभ पाने के लिए भूमि का बंटवारा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. कई अन्य मामलों में देखा गया है कि मोबाइल नंबर अभी तक आधार कार्ड से लिंक नहीं हुए हैं. इसके अलावा, आधार कार्ड और बैंक खातों में नाम या उपनाम में भी खामियां हैं.
पंजीकरण के लिए किसानों को किया जा रहा जागरूक
मुख्य जिला कृषि अधिकारी (सीडीएओ) एलबी मलिक ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हर स्तर पर निगरानी को मजबूत किया गया है. हितधारकों से प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए तत्परता दिखाने को कहा गया है. डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण अधिकांश किसान ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं. कृषक साथियों, गांव के कृषि कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, ब्लॉक कृषि अधिकारियों और सहायक कृषि अधिकारियों को शिविर लगाकर पात्र किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.