हाईटेक खेती का कमाल.. एक बेड में तीन सब्जियों से लाखों की कमाई, खर्च सिर्फ 5 हजार
प्रगतिशील युवा किसान एक ही बेड में सहफसली फसलों की खेती कर रहें हैं, जिसके जरिए आधे एकड़ जमीन में एक साथ तीन सब्जियों की खेती करके लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के युवा किसान अपनी समझदारी और आधुनिक खेती के तरीकों से खेती की दिशा बदल रहे हैं. वे पिछले चार से पांच वर्षों से खेती कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग तकनीकों को अपनाया और खेती को फायदे का सौदा बना लिया है. युवा किसानों ने एक ही बेड में सहफसली खेती कर रहें हैं, जिसके जरिए आधे एकड़ जमीन में एक साथ तीन सब्जियों की खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में युवा किसान ने अपनी स्मार्ट सोच और आधुनिक खेती तकनीक से खेती की तस्वीर बदल दी है. किसान अपने आधे एकड़ जमीन में एक साथ तीन-तीन सब्जियों की खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. वे पिछले चार से पांच वर्षों से खेती कर रहे हैं साथ ही परंपरागत खेती से हटकर नई पद्धतियों पर काम कर रहे हैं.
प्रगतिशील युवा किसान अलग-अलग आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं. वे एक ही बेड पर बैंगन, करेला और बरबटी जैसी फसलों की खेती कर रहें हैं. इससे पहले इसी बेड पर उन्होंने टमाटर की फसल ली थी. फिलहाल उनके खेत में मटर, लौकी और लाल भाजी की खेती की जा रही है. सहफसली खेती से उन्हें एक साथ कई फसलों का लाभ मिलता है, जिससे आमदनी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उनकी सफलता आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बन रही है.
एक खेत में तीन फसलें
आमतौर पर किसान एक या दो फसलें ही लगाते हैं, लेकिन युवा किसान ने एक ही खेत में तीन फसलों की खेती कर रहे हैं. वे हाईटेक विधि से एक बेड पर बैंगन, करेला और बरबटी की खेती करते हैं. इससे उन्हें एक साथ कई फसलों का लाभ मिलता है. किसान बताते हैं कि इसी बेड पर पहले टमाटर की खेती की गई थी. फिलहाल उनके खेत में मटर, लौकी और लाल भाजी की फसल लगी हुई है. सब्जियों की खेती से उन्हें लगातार अच्छी आमदनी हो रही है.
खेत की तैयारी का तरीका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसान ने बताया कि तीन फसलों की खेती के लिए सबसे पहले खेत की तीन बार जुताई करनी जरूरी है. इसके बाद रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरी किया जाता है. फिर चार से पांच फीट की दूरी पर बेड बनाए जाते हैं और पौधे से पौधे की दूरी करीब दो फीट रखी जाती है. बेड तैयार होने के बाद मल्चिंग बिछाई जाती है और ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की जाती है.
लाखों की कमाई
किसानों का कहना है कि सबसे पहले उन्होंने टमाटर की खेती की थी, जिससे करीब एक लाख रुपये का मुनाफा हुआ. अब उसी खेत में पहले बैंगन लगाया गया है. जब बैंगन की फसल खत्म होने में लगभग एक महीना बचता है, तब बीच की जगह में बेल वाली सब्जियों के पौधे लगा दिए जाते हैं. ये फसलें बैंगन खत्म होने से पहले ही तैयार हो जाती हैं.
5 हजार का खर्चा और कमाई डेढ़ लाख
किसान गोबर खाद के साथ डीएपी, सुपर फास्फेट और पोटाश देने से पैदावार और वजन अच्छा होता है. इस पूरी खेती में लगभग पांच हजार रुपये का खर्च आता है, जबकि इससे करीब डेढ़ लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा हो जाता है.
बीमारियों से बचाव भी जरूरी
किसान बताते हैं कि खेती में पत्तों का पीला पड़ना और पत्तों में छेद जैसी बीमारियां लगती हैं. इससे बचाव के लिए समय-समय पर बाजार में मिलने वाली दवाइयों का छिड़काव करना जरूरी होता है.