सर्दियों में इस तरह करें मछली पालन, कम लागत में बढ़ जाएगा उत्पादन.. केवल होगी कमाई
सर्दियों में मछली पालन चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि तापमान गिरने से मछलियां कम सक्रिय हो जाती हैं. ऐसे समय में पानी की गुणवत्ता, हल्का आहार और नियमित निगरानी सबसे जरूरी होती है. किसान अगर कुछ आसान उपाय अपना लें, तो ठंड में भी मछलियां सुरक्षित रहती हैं और उत्पादन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ता.
सर्दियों में पानी का तापमान कम होते ही मछलियां सुस्त पड़ जाती हैं, ऐसे में तालाब की सफाई और पानी की गुणवत्ता बनाए रखना किसानों के लिए सबसे जरूरी काम बन जाता है, ताकि मछलियों में तनाव न बढ़े और उनकी सक्रियता पर ठंड का असर कम रहे.
पानी का pH संतुलित रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि असंतुलित pH मछलियों में तनाव और बीमारी का बड़ा कारण बनता है. नियमित रूप से चूना और सुरक्षित पदार्थों का उपयोग करके किसान पानी को संतुलित रख सकते हैं, जिससे मछलियां सर्दियों में भी स्वस्थ बनी रहती हैं.
तापमान गिरने पर मछलियों की भूख कम हो जाती है, इसलिए हल्का लेकिन पोषक आहार देना सबसे बेहतर माना जाता है. इससे उनकी ऊर्जा बनी रहती है, विकास रुकता नहीं और ठंड के मौसम में उन्हें अतिरिक्त ताकत भी मिलती है जो बीमारियों से बचाती है.
सर्दियों में तालाब का पानी जल्दी खराब हो जाता है, जिससे अमोनिया और अन्य हानिकारक तत्व बढ़ने लगते हैं. समय-समय पर पानी को शुद्ध करना, पुराना पानी निकालना और ताजा पानी जोड़ना बीमारी के खतरे को कम करता है और मछलियों की मृत्यु दर घटाता है.
ठंडी हवाएं पानी का तापमान तेजी से गिरा देती हैं, इसलिए किसान तालाब को तिरपाल या कवर से ढककर ठंड से बचाते हैं. यह तरीका पानी की गर्माहट बनाए रखता है, जिससे मछलियां सक्रिय रहती हैं और तेजी से बदलते तापमान से होने वाला नुकसान रुक जाता है.
नियमित जांच सर्दियों में सबसे कारगर उपाय माना जाता है, क्योंकि बीमार मछली को जल्द पहचानकर अलग करना बीमारी को फैलने से रोक देता है. इससे पूरा स्टॉक सुरक्षित रहता है और किसान को भारी नुकसान होने से पहले स्थिति को संभालने का मौका मिल जाता है.