बकरी पालन का सक्सेस फार्मूला.. हरा चारा बढ़ाएगा मुनाफा, जानिए कैसे

बकरी का दूध बढ़ाना है या बच्चे की ग्रोथ, इसके लिए हरा चारा सबसे अहम भूमिका निभाता है. आइये जानते हैं हरे चारे के साथ बकरियों को और क्या खिलाएं ताकि मुनाफा बढ़ सके.

बकरी पालन का सक्सेस फार्मूला.. हरा चारा बढ़ाएगा मुनाफा, जानिए कैसे
नोएडा | Published: 15 Apr, 2025 | 05:26 PM

गांव में बकरी पालना अब सिर्फ शौक नहीं, कमाई का बड़ा जरिया बन गया है. कोई दूध के लिए पाल रहा है तो कोई मीट बेचकर मोटी आमदनी कमा रहा है. लेकिन दोनों ही मामलों में एक बात सबसे जरूरी है, बकरी-बकरों की सेहत और उनकी सही खुराक.अच्छी खुराक होगी, तभी दूध भी ज्यादा मिलेगा और बकरे की ग्रोथ भी तेजी से होगी. इसके लिए हरा चारा सबसे अहम भूमिका निभाता है. चलिए जानते हैं बकरियों को क्या खिलाए क्या न खिलाए?

कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन और मिनरल्स भी जरूरी

बकरी पालन में एक आम गलती ये होती है कि लोग बार-बार एक ही तरह का चारा खिलाते हैं. जैसे नेपियर घास. इसमें कार्बोहाइड्रेट तो होता है, लेकिन प्रोटीन और मिनरल्स की कमी रहती है. इसलिए जरूरी है कि नेपियर जैसे घास के साथ दलहनी चारा भी मिलाएं.एक्सपर्ट की माने तो अगर आप नेपियर घास उगा रहे हैं तो उसके साथ लोबिया, बरसीम या स्टाइलो भी लगाएं. ये दलहन वाले चारे प्रोटीन और जरूरी मिनरल्स देते हैं, जिससे बकरियों का पाचन भी सुधरता है और वजन भी तेजी से बढ़ता है.

सीजन के हिसाब से घास चुनें

नेपियर घास एक बार लगाने पर पांच साल तक हरा चारा देती है, जो बकरी पालन के लिए किफायती है. लेकिन इसे अकेले खिलाने से पोषण अधूरा रहता है. इसके साथ सीजन के हिसाब से लोबिया, बरसीम या स्टाइलो जैसे दलहनी चारे मिलाएं. जो कि प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं. इससे बकरी की खुराक संतुलित होती है, पाचन बेहतर होता है, दूध उत्पादन बढ़ता है और बकरों की ग्रोथ तेज होती है.

पानी की कमी से चारा भी बेअसर

पशु अगर ठीक से पानी नहीं पीते तो चाहे कितना भी अच्छा चारा दो, फायदा नहीं होता. होता ये है कि शरीर के पोषक तत्व मूत्र के ज़रिए बाहर निकल जाते हैं, पाचन बिगड़ता है और बकरियों को दस्त या पेचिश की शिकायत हो जाती है. इसलिए पानी का इंतजाम हमेशा रखें. ध्यान रखने की बात यह है कि गर्मियों में पानी के साथ हल्का चारा दें, जबकि सर्दियों में पौष्टिक चारा ज्यादा फायदेमंद है.

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