कम खर्च ज्यादा मुनाफा! बकरी की इन 4 नस्लों का पालन करने पर होगी बंपर कमाई..किसान बन जाएंगे लखपति
Goat Farming Tips: भारत में बकरी पालन हमेशा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रहा है. कम लागत, आसान देखभाल और लगातार मुनाफा देने के कारण लोग इसे तेजी से अपनाते हैं. अगर आप भी बकरी पालन शुरू करने की सोच रहे हैं, तो सही नस्ल का चुनाव करना बेहद जरूरी है.
आजकल लोग पशुपालन में सबसे ज्यादा रुचि बकरी पालन में दिखा रहे हैं क्योंकि इसमें निवेश कम और मुनाफा ज्यादा होता है. यह छोटे किसानों और ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार का बेहतर साधन है.
सोनपरी नस्ल: नाम की तरह यह नस्ल देखने में सुंदर और उत्पादन में बेहतरीन होती है. दूध देने की क्षमता के साथ-साथ इसका मांस भी अच्छी क्वालिटी का माना जाता है, इसलिए यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है.
सिरोही नस्ल: राजस्थान में पाई जाने वाली यह नस्ल कठिन मौसम और कम साधनों में भी आसानी से जी लेती है. इसकी सहनशीलता और मजबूत शरीर के कारण इसे कम खर्च में पाला जा सकता है.
जमुनापारी नस्ल: बड़ी और आकर्षक कद-काठी वाली यह नस्ल दूध और मांस दोनों में शानदार है. इसकी पहचान "डेयरी क्वीन" के नाम से भी होती है. यह नस्ल पालन करने वालों को लगातार बेहतर आमदनी देती है.
बीटल नस्ल: यह नस्ल देश में सबसे ज़्यादा पाली जाती है. बीटल बकरियां तेज़ी से बढ़ती हैं, अच्छे दूध देती हैं और मांस की क्वालिटी भी बेहतरीन होती है. इसलिए किसानों के लिए यह सबसे भरोसेमंद विकल्प मानी जाती है.
इन नस्लों की बकरियां पालन में आसान, बीमारियों से जल्दी न हारने वाली और बाजार में अच्छी कीमत दिलाने वाली होती हैं. इसलिए किसान और छोटे व्यापारी इसे एक सुरक्षित और लाभकारी व्यवसाय मानते हैं.