दूध-दही ही नहीं, सावन में भूलकर भी न खाएं ये चीजें! जानें इसके पीछे की वैज्ञानिक और धार्मिक वजहें
Sawan 2025: बारिश की फुहारों और भोलेनाथ की भक्ति से भरपूर सावन का महीना आते ही माहौल भक्तिमय हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह महीना जितना पवित्र होता है, उतना ही संवेदनशील भी? खासतौर पर सेहत के मामले में. इस मौसम में कुछ खाने-पीने की चीजें ऐसी होती हैं, जिनका सेवन करना धार्मिक दृष्टि से तो वर्जित है ही, साथ ही वैज्ञानिक रूप से भी नुकसानदेह साबित हो सकता है. अगर आप सावन में भी वही खा रहे हैं जो सालभर खाते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकती है.
सावन में बैंगन नहीं खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह भारी होता है और बारिश के मौसम में कीटाणुओं से संक्रमित हो सकता है. यह पचाने में मुश्किल होता है और पेट में गैस व अपच जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है.
बरसात के मौसम में दही आधारित चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं. इनमें मौजूद बैक्टीरिया गर्मी और नमी के कारण तेजी से बढ़ते हैं, जिससे पेट दर्द, गैस, और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
सावन में शरीर की पाचन शक्ति कमजोर रहती है. ऐसे में भारी भोजन जैसे कढ़ी, रायता या तले-भुने पदार्थ पाचन पर नकारात्मक असर डालते हैं, जिससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है.
इस मौसम में चारों तरफ नमी रहती है, जिससे पत्तेदार सब्जियों में कीड़े-मकोड़े और बैक्टीरिया छिपे रहते हैं. इन्हें खाने से डायरिया, फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
सावन में जिन जानवरों से दूध प्राप्त होता है, वे गीले और कीटाणुओं से भरे चारे का सेवन करते हैं. इससे दूध की शुद्धता पर असर पड़ता है और शरीर में संक्रमण का खतरा रहता है.
भले ही यह परंपराएं धार्मिक नजर आती हों, लेकिन इनके पीछे ठोस वैज्ञानिक कारण हैं. बरसात में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए इन खास फूड्स से बचना जरूरी होता है.