जानिए गर्मियों में छाछ पीने के गजब फायदे: सेहत का है सस्ता खजाना
छाछ पीने से पाचन सुधरता है, इम्यूनिटी बढ़ती है और थकान दूर होती है. आयुर्वेद में इसे सेहत का अमृत मान गया है, जो हर किसी के लिए फायदेमंद है.

छाछ, ,आयुर्वेद की नजर में कोई साधारण पेय नहीं बल्कि सेहत का वह खजाना है, जो बीमारियों को पास तक भी फटकने नहीं देता.आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाचन तंत्र का दोस्त है और शरीर को एनर्जी देने का आसान रास्ता है. इसका हल्का खट्टा-कसैला स्वाद और ठंडक देने वाला गुण ही इसे खास बनाता है. यह वात और कफ दोष को संतुलित करती है. साथ ही पेट की परेशानियों से लेकर सूजन, भूख की कमी, लिवर की गड़बड़ी और खून की कमी तक को दूर करने में कारगर है. चलिए जानते हैं कि इसे बनाने के कौन से आयुर्वेद के नुस्खे हैं और इसके क्या फायदे हैं और छाछ पीने का सही समय क्या है?
छाछ बनाने का सही तरीका
छाछ बनाना बेहद आसान होता है. गाय या भैंस के दूध का बना ताजा दही लें और उसमें दोगुना पानी डालकर फेंट लें. स्वाद के लिए नमक मिलाएं और अगर आप मसाला छाछ पीना चाहते हैं तो फिर भुना जीरा या पुदीने की पत्तियां मिलाएं. कहते हैं कि छाछ को अगर मटके में रखा जाए तो इसकी ठंडक, ताजगी और इसका स्वाद तीनों बरकरार रहते हैं. अगर आपने पहले दही से मक्खन निकाला है तो भी बची हुई छाछ आपके लिए उतनी ही फायदेमंद रहेगी.
छाछ के इतने फायदे
छाछ का जादू इसके प्रोबायोटिक्स में छिपा है जो पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है. इससे गैस, कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी दिक्कतें चुटकियों में गायब हो जाती हैं. कम फैट और हल्की कैलोरी के साथ यह वजन को काबू में रखती है. गर्मी में पानी की कमी को दूर करके डिहाइड्रेशन से बचाता हे. साथ ही इलेक्ट्रोलाइट्स से थकान पल में गायब हो जाती है. यह शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाती है जिससे मौसमी बीमारियां दूर रहती हैं. पेट में एसिड को संभालकर यह अल्सर और जलन से राहत देती है.
पीने का सही वक्त क्या है?
आयुर्वेद के मुताबिक, दोपहर का खाना खाते वक्त या उसके बाद छाछ लेना सबसे बेहतर है. सुबह खाली पेट इससे बचें, वरना पेट में गर्मी बढ़ सकती है. रात में, खासकर ठंड के दिनों में इसे न पिएं क्योंकि कफ बढ़ने का डर रहता है. गर्मियों में दिन में कभी भी एक गिलास ले सकते हैं. एक दिन में 200-300 मिलीलीटर छाछ पर्याप्त है.