बिहार सरकार दे रही डीजल पर सब्सिडी, जानिए कैसे मिलेंगे 18,000 रुपये तक
बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना का मकसद है कि "कोई भी किसान सिर्फ पानी की कमी के कारण अपनी फसल ना गंवाए." इसके लिए 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है और भविष्य में इसे और मजबूत किया जाएगा.
सरकार बिहार के किसानों और खेतों के लिए एक योजना लेकर आई है. अक्सर धूप और सूखे से बेहाल किसानों के लिए बिहार सरकार की ‘डीजल सब्सिडी योजना’ एक राहत भरी सौगात बनकर आई है. इस योजना की मदद से किसान अपने खेतों की सिंचाई बिना ज्यादा बोझ के कर पा रहे हैं और अच्छी फसल की उम्मीद भी जता रहे हैं. इससे न सिर्फ सिंचाई आसान हुई है, बल्कि आर्थिक रूप से भी किसानों को मजबूती मिली है.
क्या है डीजल सब्सिडी योजना?
बिहार सरकार ने बारिश की कमी से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए यह विशेष योजना शुरू की है. इसके तहत किसानों को प्रति लीटर डीजल पर 75 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, ताकि वे सिंचाई के लिए डीजल पंप चला सकें. ये योजना धान, मक्का, जूट, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जियों और औषधीय फसलों की सिंचाई के लिए लागू की गई है.
कितनी सब्सिडी मिलती है?
प्रति एकड़ खेत की एक बार की सिंचाई के लिए औसतन 10 लीटर डीजल की जरूरत होती है, जिस पर सरकार किसानों को 75 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से 750 रुपये की सब्सिडी देती है. धान और जूट जैसी फसलों की सिंचाई के लिए दो बार तक की सब्सिडी मिलती है, यानी 1,500 रुपये प्रति एकड़.
वहीं मक्का, दालें, तेलहन, सब्जियां और औषधीय पौधों जैसी अन्य खरीफ फसलों के लिए तीन बार सिंचाई का प्रावधान है, जिससे 2,250 रुपये प्रति एकड़ तक की सहायता मिलती है. एक किसान अधिकतम 8 एकड़ तक इस योजना का लाभ उठा सकता है, जिससे उसे 18,000 रुपये तक की सब्सिडी प्राप्त हो सकती है.
कैसे मिलेगा 18,000 रुपये तक?
अगर कोई किसान 8 एकड़ खेत में मक्का, तेलहनी या सब्जी जैसी फसलें बोता है और तीन बार सिंचाई करता है, तो उसे 2,250 × 8 = 18,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है. यह राशि सीधे किसान के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजी जाती है.
कैसे करें आवेदन?
किसान को बिहार सरकार के डीबीटी एग्रीकल्चर पोर्टल (https://dbtagriculture.bihar.gov.in) पर आवेदन करना होगा.
स्टेप 1- सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करें
अगर आप नए किसान हैं और अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो ये करें:
- होमपेज पर “किसान पंजीकरण” टैब पर क्लिक करें
- तीन विकल्प मिलेंगे:आधार + OTP,आधार + बायोमेट्रिक, IRIS स्कैन
- अपनी सुविधा के अनुसार एक विकल्प चुनें
- कैप्चा कोड डालें और “डिवाइस” चुनें (जैसे फिंगरप्रिंट या स्कैनर)
- अपना आधार नंबर और नाम भरें
- फिर अपनी उंगली/आंख स्कैन करें और “Capture” पर क्लिक करें
- सब कुछ सही हुआ तो आपका रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक हो जाएगा
स्टेप 2: अब आवेदन करें डीजल सब्सिडी के लिए
रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद ये करें:
दोबारा DBT पोर्टल पर जाएं और 13 अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर लॉगिन करें
आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमें ये जानकारी भरनी होगी:
- सिंचित भूमि का विवरण
- दो नजदीकी किसानों के नाम
- खेत की जगह और फसल का प्रकार
- अब अपलोड करें डीजल खरीद की कंप्यूटरीकृत रसीद (वाउचर), जिसमें ये बातें हों:
- वाउचर में रजिस्ट्रेशन नंबर के आखिरी 10 अंक
- खरीदे गए डीजल की मात्रा
- पेट्रोल पंप का नाम
- ब्लॉक का नाम
- वाउचर की तारीख और सीरियल नंबर
- किसान के हस्ताक्षर या कृषि समन्वयक से सत्यापन
अगर खुद नहीं कर पा रहे हैं, तो नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) या कृषि केंद्र पर जाकर मदद लें.
जरूरी दस्तावेज क्या चाहिए?
- आधार कार्ड
- आधार से लिंक बैंक खाता
- बिहार के किसी अधिकृत पेट्रोल पंप से खरीदे गए डीजल की रसीद
- बिहार का निवास प्रमाण पत्र
- अगर आप किराए की जमीन पर खेती कर रहे हैं तो जमीन स्वामी से सत्यापन प्रमाणपत्र
सरकार का क्या कहना है?
बिहार के कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि इस योजना का मकसद है कि “कोई भी किसान सिर्फ पानी की कमी के कारण अपनी फसल ना गंवाए.” इसके लिए 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है और भविष्य में इसे और मजबूत किया जाएगा.