चना खरीदने वालों को लगेगा झटका, MSP से ऊपर पहुंचे भाव! जानिए क्या है वजह

सरकार ने चना के आयात पर 10% टैक्स लगा दिया है और सस्ती पीली मटर के आयात पर मिली छूट भी खत्म हो गई है. इन दोनों फैसलों का असर चने की कीमतों पर साफ दिख रहा है.

चना खरीदने वालों को लगेगा झटका, MSP से ऊपर पहुंचे भाव! जानिए क्या है वजह
नई दिल्ली | Published: 30 Apr, 2025 | 09:09 AM

अगर आप चने का इस्तेमाल करते हैं या इसकी खेती से जुड़े हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. इन दिनों चने की कीमतों में लगातार बढ़त देखी जा रही है. कई मंडियों में इसका भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी ऊपर चला गया है, और जानकारों का कहना है कि ये तेजी आगे भी जारी रह सकती है.

क्यों बढ़ रहे हैं चने के दाम?

सीजन की शुरुआत में जब नई फसल बाजार में आई, तब चने की कीमतें काफी नीचे गिर गई थीं. कई जगह ये एमएसपी से भी कम भाव पर बिकने लगा. इससे खरीदारी तेज हो गई और धीरे-धीरे स्टॉक कम होने लगा. अब जब मांग बढ़ी है और माल कम है, तो दाम भी ऊपर जा रहे हैं.

इसके अलावा सरकार ने चना के आयात पर 10% टैक्स लगा दिया है और सस्ती पीली मटर के आयात पर मिली छूट भी खत्म हो गई है. इन दोनों फैसलों का असर चने की कीमतों पर साफ दिख रहा है.

अभी क्या चल रहे हैं रेट?

इस समय देश की अलग-अलग मंडियों में चने की कीमतें लगातार चढ़ रही हैं. दिल्ली मंडी में चना ₹5,750 से ₹5,800 प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रहा है, जबकि महाराष्ट्र की प्रमुख अकोला मंडी में इसका भाव ₹6,025 से ₹6,050 तक पहुंच गया है. बीते एक महीने में चने की कीमतों में ₹150 से ₹225 तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,650 प्रति क्विंटल तय है, लेकिन मौजूदा बाजार भाव इससे ऊपर चल रहा है, जो मांग और सप्लाई के बीच असंतुलन को दर्शाता है.

आगे क्या हो सकता है?

कमोडिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, अगले महीने तक चने के दाम और ₹200 प्रति क्विंटल तक बढ़ सकते हैं. क्योंकि स्टॉक कम है और किसान भी अब अपनी उपज बेचने में धीमी गति अपना रहे हैं. साथ ही मिल वाले भी सिर्फ जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं.

हालांकि, कुछ जगहों पर सस्ती पीली मटर अभी भी विकल्प के रूप में मौजूद है, इसलिए चने की कीमतों में तेजी थोड़ी सीमित भी रह सकती है.

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