प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना, किसानों के लिए भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल करार दी गई है. इसका मकसद देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद मुहैया कराना है. इस योजना की अब तक 19 किस्तें जारी कर चुकी है और अब 20वीं किस्त का इंतजार किसानों को है. लेकिन इस योजना का फायदा उन किसानों को नहीं मिल पाएगा जिन्होंने अब तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाई है. राजस्थान जैसे राज्यों में फार्मर रजिस्ट्री का काम जोर-शोर से चल रहा है. सरकार की तरफ से इसकी आखिरी तारीख की घोषणा कर दी गई है. ऐसे में अगर आपने अभी तक इस काम को पूरा नहीं किया तो अब आपके पास एक महीने का समय है.
यूपी कृषि विभाग ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की तरफ से फार्मर रजिस्ट्री की तारीख को बढ़ाने की जानकारी दी गई है. कृषि विभाग ने कहा है कि ऐसे किसान जो पीएम किसान सम्मान निधि लाभार्थी के तौर पर हैं, उन्हें 30 अप्रैल तक अपना किसान पहचान पत्र (किसान रजिस्ट्र्री) तैयार करवाना है. ये किसान आप अपने गांव में आने वाले कृषि विभाग या फिर राजस्व विभाग के कर्मचारी से संपर्क कर आयोजित कैंप में या निकटतम जन सुविधा केंद्र पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन का काम करा सकते हैं. वर्तमान समय में यूपी के अलावा राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र और कुछ और राज्यों में इस काम को जल्द से जल्द पूरा किए जाने की प्रक्रियाएं जारी हैं.
क्या है सरकार का लक्ष्य
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसान पहचान पत्र बनवाए जा रहे हैं. किसान पहचान पत्र आधार की तरह ही एक यूनिक डिजिटल आइडी है जो राज्य की भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी हुई है. इसमें डेमोग्राफिक डिटेल्स, उगाई जाने वाली फसलों और जमीन के मालिक की जानकारी जैसा महत्वपूर्ण डेटा शामिल होगा. सरकार का लक्ष्य साल 2027 तक 11 करोड़ किसानों का किसान पहचान-पत्र बनाने का है. साल 2024-25 के लिए सरकार ने छह करोड़ किसानों को कवर करने का टारगेट रखा है. 2025-26 में 3 करोड़ और 2026-27 में 2 करोड़ किसानों की आईडी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है
फार्मर रजिस्ट्री का मकसद
फार्मर रजिस्ट्री का मकसद जमीनों को लेकर होने वाली धोखाधड़ी को नियंत्रित करना है. साथ ही इससे यह पता लग सकेगा कि किस किसान के पास कितनी जमीन है. इस तरह से जमीनों की हेराफेरी होने से बचेगी और जमीन पर मिलने वाली सुविधाएं भी किसानों को आसानी से मिल सकेंगी. फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसान के पास खतौनी, आधार कार्ड और आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर, जिस पर ओटीपी पा सकें, होना जरूरी है.
किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं. किसान के पास आधार ओटीपी के लिए आधार लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए, गाटा संख्या के लिए खतौनी या उसे गाटा संख्या की जानकारी होनी चाहिए खतौनी की प्रति हो तो बेहतर होगा, इसके साथ फार्मर रजिस्ट्री की जा सकती है.
फार्मर रजिस्ट्री के फायदे
फॉर्मर रजिस्ट्री के बाद बार-बार ईकेवाईसी की जरूरत नहीं होगी.
फसल लोन, फसल बीमा, सम्मान निधि और आपदा राहत भी आसानी से मिल सकेगी.
बैंक से डिजिटल केवाईसी के जरिये अधिकतम 2 लाख रुपये का लोन बिना किसी दस्तावेज के मिल सकेगा.
कृषि और कृषि से संबंधित विभाग की सभी योजनाओं में सब्सिडी का फायदा पारदर्शी तरीके और आसानी से उपलब्ध हो सकेगा.
किसानों को फसली लोन और फसल बीमा की क्षतिपूर्ति और आपदा राहत पाने में भी आसानी होगी.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में किसानों का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगा.
संस्थागत खरीददारों से जुड़कर किसानों को अपनी फसलों का उचित दाम पाने में सुविधा होगी.
फार्मर रजिस्ट्री होने के बाद कोई भी डाटा रियल टाइम खतौनी के माध्यम से अपडेट होकर फार्मर रजिस्ट्री में अपडेटेड होता रहेगा.