खरीफ सीजन की बुवाई शुरू होने वाली है. इस सीजन में मक्का, ज्वार, बाजरा , रागी और कई अन्य फसलों की बुवाई की जाती है. इन फसलों के अच्छे उत्पादन और उपज के लिए जरूरी है कि फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलें. फसलों की अच्छी उपज और विकास के लिए किसान फसलों पर यूरिया और डीएपी का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कई बार बाजार में नकली यूरिया और डीएपी मिलती है जिसकी पहचान किसान नहीं कर पाते हैं. ऐसे में फसलों को नुकसान पहुंचता है और साथ ही ये नकली यूरिया और डीएपी वातावरण के लिए भी हानिकारक हैं.
ऐसे करें असली यूरिया की पहचान
पहला तरीका – यूरिया की मदद से फसलों को जरूरी नाइट्रोजन दिया जाता है. किसानों के लिए असली यूरिया की पहचान का तरीका काफी आसान है. असली यूरिया की पहचान इसके सफेद चमकदार दाने हैं जिनका आकार एक जैसा ही होता है. ये दाने अगर पानी में पूरी तरह से पानी में घुल जाते हैं तो किसान जान लें कि यूरिया असली है.
दूसरा तरीका – असली यूरिया की पहचान का एक और तरीका है. अगर यूरिया को तवे पर गर्म किया जाए तो इसके दाने पिघलने लगते हैं और आंच तेज करने पर अगर तवे पर यूरिया का कोई भी अवशेष न बचे तो किसान समझ लें कि यूरिया असली है.
असली डीएपी की ऐसे करें पहचान
पहला तरीका – डीएपी एक ऐसी खाद है जिसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस मौजूद होते हैं जो कि फसलों के विकास के लिए बेहद जरूरी है. असली डीएपी की पहचान के लिए किसान डीएपी के कुछ दानों को हाथ में लेकर तन्बाकू की तरह मलें. ऐसा करने पर अगर तेज गंध निकले जिसे सूंघना भी मुश्किल हो जाए तो किसान समझ लें कि ये डीएपी असली है.
दूसरा तरीका – असली डीएपी की पहचान का एक ओर तरीका है. इसे जांचने के लिए किसान सबसे पहले डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें. अगर ये दानें फूल जाते हैं तो किसान समझ लें कि यह असली डीएपी है. असली डीएपी के दाने कठोर और रंग में भूरे, काले और बादामी होते हैं. साथ ही डीएपी के ये आसानी से नाखून से नहीं टूटतें हैं.