कैसे पहचानें असली और नकली रजिस्ट्री, जमीन खरीदने से पहले जान लें ये बातें
एक असली रजिस्ट्री में कुछ ऐसी जरूरी चीजें होती हैं, जिन्हें नकली बनाना आसान नहीं होता. असली रजिस्ट्री पर एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है जो सिर्फ उसी दस्तावेज से जुडा होता है.

जमीन खरीदना जीवन का एक बडा और अहम फैसला होता है. लेकिन कई बार लोग नकली रजिस्ट्री के झांसे में आकर अपना पैसा और सपने दोनों गंवा बैठते हैं. इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि असली और नकली रजिस्ट्री में फर्क कैसे करें. तो आइए जानते हैं, रजिस्ट्री से पहले किन बातों पर ध्यान देना चाहिए ताकि आप ठगे न जाएं.
असली रजिस्ट्री कैसी होती है?
एक असली रजिस्ट्री में कुछ ऐसी जरूरी चीजें होती हैं, जिन्हें नकली बनाना आसान नहीं होता. असली रजिस्ट्री पर एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है जो सिर्फ उसी दस्तावेज से जुडा होता है. इसमें स्टांप ड्यूटी की राशि स्पष्ट तौर पर लिखी होती है, जो सरकारी नियमों के अनुसार होती है. इसके अलावा, रजिस्ट्री पर सब-रजिस्ट्रार की सरकारी सील और हस्ताक्षर भी मौजूद होते हैं.
इस दस्तावेज में जमीन से जुडे दोनों पक्षों के नाम, पते, फोटो और फिंगरप्रिंट्स भी दर्ज किए जाते हैं. इन सभी बातों की जांच करना बेहद जरूरी होता है ताकि आपको यकीन हो सके कि रजिस्ट्री असली है.
ऑनलाइन रजिस्ट्री की जांच कैसे करें?
आजकल ज्यादातर राज्यों में जमीन या मकान की रजिस्ट्री की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है. आप अपने राज्य की जमीन रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्री की जांच कर सकते हैं. इसके लिए आपको सिर्फ रजिस्ट्रेशन नंबर और रजिस्ट्रेशन की तारीख की जरूरत होती है. इन जानकारियों को भरने के बाद आप देख सकते हैं कि वह दस्तावेज सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद है या नहीं.
अगर रिकॉर्ड ऑनलाइन दिख रहा है, तो वह रजिस्ट्री असली है. लेकिन अगर नहीं दिखता, तो उसकी जांच रजिस्ट्री ऑफिस जाकर करनी चाहिए.
रजिस्ट्री ऑफिस में जांच कराना क्यों जरूरी है?
अगर किसी वजह से ऑनलाइन जानकारी नहीं मिल रही हो या आपको दस्तावेज पर शक हो, तो आप सीधे रजिस्ट्री ऑफिस जाकर उसकी पुष्टि कर सकते हैं. वहां से आप उस दस्तावेज की ऑफिसियल या प्रमाणित प्रति (Certified Copy) ले सकते हैं. यह प्रति पूरी तरह से वैध होती है और इससे आप असली और नकली रजिस्ट्री का फर्क पहचान सकते हैं.
एजेंट या दलालों से कैसे बचें?
अक्सर लोग प्रॉपर्टी डीलिंग के लिए एजेंट्स की मदद लेते हैं, लेकिन कुछ फर्जी एजेंट लोगों को नकली दस्तावेज थमा देते हैं. वे असली जैसे दिखने वाले स्टांप पेपर, नोटरी की नकली मुहर और रजिस्ट्रार जैसी सील लगाकर ग्राहकों को भ्रमित करते हैं.
ऐसे में आपको चाहिए कि रजिस्ट्री से जुड़ा हर काम आप खुद सरकारी दफ्तर में जाकर करें. किसी भी एजेंट पर बिना जांच किए भरोसा न करें. दस्तावेज पर हस्ताक्षर हमेशा सरकारी अधिकारी की मौजूदगी में ही करें.
जमीन खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें?
जब भी आप कोई जमीन खरीदें, तो सबसे पहले उसकी पिछली रजिस्ट्री की जांच करें. यह देखना जरूरी है कि बेचने वाला असली मालिक है या नहीं. इसके अलावा, यह भी जांचना चाहिए कि उस प्रॉपर्टी पर कोई लोन, केस या सरकारी रोक तो नहीं लगी है.
सभी कागजात को किसी वकील या प्रॉपर्टी के जानकार से जरूर दिखवाएं. साथ ही, रजिस्ट्री के वक्त दोनों पक्षों के पहचान पत्र, फोटो और फिंगरप्रिंट्स का मिलान करना न भूलें.
नकली स्टांप पेपर और मुहर से रहें सावधान
कुछ मामलों में लोग नकली स्टांप पेपर या फर्जी नोटरी की मुहर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे दस्तावेज असली जैसा दिखता है. लेकिन ऐसा दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य नहीं होता और भविष्य में आपको बड़ी परेशानी हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि आप रजिस्ट्री प्रक्रिया सिर्फ सरकारी माध्यम से ही करवाएं और हर दस्तावेज की ठीक से जांच करें.