मार्च में करें खीरे की खेती, इन किस्मों के बीज लगाकर 40 दिनों में पाएं फसल
खीरे की खेती के लिए एक एकड़ खेत में लगभग 1 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. बीज की बुवाई से पहले, फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक उपचार करना जरूरी होता है.

देश के विभिन्न हिस्सों में उगाया जाने वाला खीरा, कद्दूवर्गीय फसलों में एक प्रमुख और महत्वपूर्ण फसल है. यह फसल खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में उगाई जा सकती है, लेकिन गर्मी के मौसम में इसकी मांग ज्यादा बढ़ जाती है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि किसान खीरे की खेती से अच्छा लाभ कमा सकते हैं, क्योंकि यह एक जल्दी पकने वाली फसल है. खीरा लगभग दो महीने बाद बुवाई से फल देना शुरू कर देता है.
खीरा शरीर को ठंडक देने के साथ साथ गर्मी के मौसम में पानी की कमी को पूरा करता है. इसी कारण गर्मी के मौसम में बाजार में इसकी मांग बढ़ जाती है और किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. फरवरी-मार्च का महीना इस खेती के लिए सबसे अच्छा रहता है. अगर किसान वैज्ञानिक तरीके अपनाकर खीरे की खेती करे तो 2 महीने में उसे शानदार फसल मिल जाती है. जानिए खीरे की ऐसी किस्मों के बारे में जिससे किसानों को मिलेगा ज्यादा फायदा.
कैसी मिट्टी में लगाएं खीरा
खीरे की खेती के लिए मिट्टी रेतीली, दोमट या भारी मिट्टी होनी चाहिए. मगर इस बात का ध्यान रखें कि बलुई और दोमट मिट्टी में जल निकासी अच्छी हो, जो इस फसल के लिए जरूरी है. मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए, ताकि खीरे की अच्छी पैदावार हो सके.
बुवाई का सही समय
ग्रीष्म ऋतु में फरवरी और मार्च में, वर्षा ऋतु में जून और जुलाई में तथा पर्वतीय क्षेत्रों में मार्च और अप्रैल में इसकी बुवाई की जाती है.
उन्नत किस्में:
स्वर्ण अगेती खीरा- खीरे की खेती के लिए ये प्रजाति सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके पौधों में 40 से 45 दिनों के भीतर ही फसल आना शुरू हो जाती है. एक पौधे से लगभग तीन से चार किलो तक फसल मिलती है. यह जल्दी फलने वाली प्रजाति है, जो किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है.
पूसा संयोग- खीरे की यह प्रजाति 45 से 50 दिनों के भीतर फसल देना शुरू कर देती है. इसके फल का आकार सामान्यतः 22 से 28 सेंटीमीटर के बीच होता हैं. यह एक उच्च गुणवत्ता वाली और जल्दी उगने वाली प्रजाति है.
स्वर्ण पूर्णिमा- खीरे की सबसे उन्नत किस्म की यह फसल 45 से 50 दिनों के भीतर आना शुरू हो जाती है. एक पौधे से 2.5 से 4 किलो तक फसल प्राप्त की जा सकती है. यह किस्म भी जल्दी फलने वाली है.
बीज की संख्या
खीरे की खेती के लिए एक एकड़ खेत में लगभग 1 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. बीज की बुवाई से पहले, फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक उपचार करना जरूरी होता है. इसके साथ ही फलों की तुड़ाई कच्ची अवस्था में की जानी चाहिए.