कम पानी में भी दे बंपर उपज, जानें सूखी-बंजर जमीन के लिए बेहतरीन फसलें
सूखी जमीन और पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए, किसान अब सिंचाई के आधुनिक तरीकों को अपना रहे हैं. टपक सिंचाई ऐसी तकनीक है जिसमें कम पानी का उपयोग होता है, लेकिन पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी मिलता है.
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां करोड़ों किसान खेती-किसानी से अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन पानी की कमी और खराब मिट्टी की वजह से कई बार खेती में अच्छी पैदावार नहीं हो पाती. खासकर सूखी और बंजर जमीन वाले इलाकों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सूखी जमीन और कम पानी में भी किसान अच्छी आय कमा सकते हैं? जवाब है.. हां. अगर सही फसल चुनी जाए और स्मार्ट खेती की जाए, तो सूखी-बंजर जमीन भी किसानों के लिए सोने की खान बन सकती है.
आज हम आपको उन खास फसलों के बारे में बताएंगे, जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं और बाजार में उनकी मांग भी खूब है. इन फसलों की खेती से किसान न केवल अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने खेतों की उत्पादकता भी सुधार सकते हैं.
कम पानी में उगने वाली प्रमुख फसलें
ज्वार और बाजरा
मोटे अनाजों में ज्वार और बाजरा सबसे बेहतर विकल्प हैं. ये फसलें कम पानी में आसानी से उग जाती हैं और इनके बीज की कीमत भी अच्छी मिलती है. इनके पोषण तत्वों के कारण भी ये फसलें स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं. आजकल बाजरा और ज्वार की मांग बढ़ रही है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिलता है.
अनानास
अगर पानी की व्यवस्था थोड़ी बेहतर हो तो अनानास की खेती भी की जा सकती है. अनानास की फसल से किसानों को अच्छा रिटर्न मिलता है क्योंकि इसकी मांग घरेलू बाजार के साथ-साथ दवाई बनाने वाली कंपनियों में भी रहती है. अनानास की खेती से किसानों की आय में खासा इजाफा होता है.
मूंगफली
मूंगफली एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है, जिसे कम पानी में उगाया जा सकता है. इसकी मांग पूरे देश में बनी रहती है. मूंगफली का इस्तेमाल खाने के अलावा तेल बनाने में भी किया जाता है, इसलिए यह किसानों के लिए एक लाभकारी फसल साबित होती है.
एलोवेरा
एलोवेरा की खेती भी कम पानी में की जा सकती है और इसका बाजार में अच्छा दाम मिलता है. कई कंपनियां एलोवेरा की जरूरत करती हैं क्योंकि इसका उपयोग औषधि और कॉस्मेटिक उत्पादों में होता है. बड़े पैमाने पर एलोवेरा की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
सोयाबीन
सोयाबीन प्रोटीन से भरपूर फसल है, जो कम पानी में अच्छी उपज देती है. इसकी खेती करने वाले किसानों को बाजार में बेहतर कीमतें मिलती हैं. सोयाबीन की मांग बढ़ रही है, इसलिए यह फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.
सिंचाई के लिए टपक विधि अपनाएं
सूखी जमीन और पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए, किसान अब सिंचाई के आधुनिक तरीकों को अपना रहे हैं. टपक सिंचाई ऐसी तकनीक है जिसमें कम पानी का उपयोग होता है, लेकिन पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी मिलता है. यह तरीका पानी की बचत करता है और फसल की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है. कई राज्य सरकारें इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी भी देती हैं, जिससे लागत कम हो जाती है.