बेहतरीन हैं अनानास की ये उन्नत किस्में, बढ़ाती हैं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

अनानास में पोटैशियम, फाइबर, विटामिन C और B6 भरपूर मात्रा में होता है, जो कि दिल की सेहत, शरीर के पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है.

नोएडा | Updated On: 9 Jun, 2025 | 01:47 PM

खेती के लिहाज से आनानास की फसल किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद होती है. अनानास की फसल एक व्यावसायिक फसल है जिसकी खेती से किसान करीब 3 लाख तक की कमाई कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसान अनानास की उन्नत किस्मों की खेती करें. अगर सही किस्मों का चुनाव कर किसान अनानास की फसल की सही देखभाल करें तो अनानास की खेती से किसान अच्छा उत्पादन कर सकते हैं. खबर में आगे बात करेंगे अनानास की कुछ उन्नत किस्मों की और जानेंगे उनकी खासियत.

अनानास की उन्नत किस्में

केव (Kew)

अनानास की ये किस्म भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख व्यावसायिक फसल है. ये फसल अपने पोषक तत्वों के लिए लोकप्रिय है. बात करें इस किस्म की उपज की तो सही देखभाल के बाद इसके हर पौधे से किसानों को करीब 2 से 3 किग्रा फल मिल सकते हैं. इसकी खेती के लिए 22 से 33 डिग्री सेल्सियस का तापमान सबसे सही माना जाता है. केव अनानास में पोटैशियम, फाइबर, विटामिन C और B6 भरपूर मात्रा में होता है, जो कि दिल की सेहत, शरीर के पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है.

क्वीन (Queen)

अनानास की ये किस्म कम फाइबर और तेज खुशबू वाली किस्म है जो कि खाने में बेहद ही स्वादिष्ट होती है. इस किस्म का इस्तेमाल सलाद और मिठाई बनाने के लिए किया जाता है. अनानास की इस किस्म के एक फल का वजन औसतन 0.9 से 1.3 किग्रा तक हो सकता है और यह देखने में गहरे सुनहरे पीले रंग का होता है. इसकी खेती के लिए भारत के मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्य सबसे सही होते हैं.

रेड स्पैनिश (Red Spanish)

अनानास की ये किस्म अपने रसीले स्वाद और मौजूद फाइबर के लिए पहचानी जाती है. इसका इस्तेमाल ताजे फल और सजावट के लिए किया जाता है. रेड स्पेनिश अनानास के एक फल का वजन औसतन 0.9 से 1.8 किग्रा तक हो सकता है. देखने में ये किस्म लाल और भूरे रंग की होती है. इसकी खेती के लिए भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्य सही माने जाते हैं.

Published: 9 Jun, 2025 | 01:47 PM