PMFBY: सरकार ने फसल बीमा की तारीख बढ़ाई, नुकसान की सूचना मिलते ही भरपाई के निर्देश

बीमा क्लेम के लिए हेल्पलाइन पर संपर्क करते समय किसानों को आधार, किसान पहचान पत्र और संबंधित भूमि, फसल के दस्तावेज़ तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.

नोएडा | Updated On: 11 Jul, 2025 | 04:56 PM

फसलों के नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए केंद्र सरकार पीएम फसल बीमा योजना चला रही है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी फसल का बीमा कराना होता है. उत्तर प्रदेश सरकार ने फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 7 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है. सीएम योगी ने बीमा कंपनियों और कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया है कि फसल नुकसान की सूचना और दावे आने पर तुरंत उनका निपटारा करते हुए रकम की भरपाई की जाए.

उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ फसल बीमा के लिए तारीख को बढ़ा दिया है. पहले तय अंतिम तारीख 7 जुलाई तक बड़ी संख्या में किसान अपनी फसलों का बीमा नहीं करा सके थे. कई जगह से तारीख बढ़ाने की अपील होने के बाद राज्य सरकार ने 31 जुलाई की समय सीमा तय की है. किसानों से कहा गया है कि 72 घंटों के भीतर नुकसान की सूचना देनी होगी, ताकि जल्द से जल्द नुकसान का आकलन करने के बाद किसानों को पैसे की भरपाई की जा सके.

धान समेत इन फसलों का होगा बीमा

इस खरीफ सीजन में संभावित जोखिमों से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल सहित फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की है. पीएम फसल बीमा आवेदन के लिए किसान बैंकों, कॉमन सर्विस सेंटरों या आधिकारिक पोर्टल www.pmfby.gov.in के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन, क्लेम या डॉक्यूमेंटेशन में मदद के लिए वे 14447 पर फसल बीमा हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं.

बीज अंकुरण नहीं होने पर मिलेगा मुआवजा

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसान बीमा प्रीमियम का केवल 2 प्रतिशत भुगतान करते हैं, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें शेष प्रीमियम भरती हैं. सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि, कीटों के प्रकोप, बीमारियों और यहां तक कि असफल बुवाई से होने वाले फसल नुकसान के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई यह योजना उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू है.

किसान हेल्पलाइन पर दे सकेंगे नुकसान की सूचना

योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और बीमित फसल की डिटेल्स देनी होंगी. किसानों को रजिस्ट्रेशन के समय फसलों और भूमि के विवरण की सटीक घोषणा के लिए कहा गया है, ताकि नुकसान के आकलन के दौरान कोई समस्या न आए. उन्हें समय पर दावा प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 72 घंटों के भीतर निकटतम फसल बीमा केंद्र, कृषि विभाग कार्यालय या हेल्पलाइन (14447) के माध्यम से फसल क्षति की सूचना देनी होगी. किसानों को हेल्पलाइन पर संपर्क करते समय आधार, किसान पहचान पत्र और संबंधित भूमि, फसल के दस्तावेज़ तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.

Published: 11 Jul, 2025 | 04:45 PM