खर्च के मुकाबले कम मजदूरी से मुश्किल में श्रमिक, जानिए किस राज्य में कितनी दिहाड़ी
राजस्थान में मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत दी जाने वाली मजदूरी दर 206.51 रुपये प्रति दिन है. देशभर के अन्य राज्यों के श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी दर की तुलना में यह सबसे कम है.

दैनिक खर्च के मुकाबले श्रमिकों की कम मजदूरी ने उनके जीवन को और मुश्किल बना दिया है. केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा के जरिए मजदूरों की जीविका का संकट खत्म करने की कोशिश जरूर की है, लेकिन कम दिहाड़ी के चलते खुशहाल जीवन की कल्पना फलीभूत नहीं हो पा रही है. मनरेगा के तहत सबसे कम मजदूरी राजस्थान में है और उसके बाद छत्तीसगढ़, तेलंगाना और त्रिपुरा का नंबर आता है. एक्सपर्ट का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 236.33 रुपये दिहाड़ी जरूर है, लेकिन दैनिक खर्च के मुकाबले यह राशि पूरी नहीं पड़ रही है.
मनरेगा में 13.55 करोड़ मजदूर
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के जरिए ग्रामीणों को साल में 100 दिन काम उपलब्ध कराया जा रहा है. वर्तमान में योजना से जुड़े कुल 13.55 करोड़ सक्रिय श्रमिक हैं. इन्हें मजदूरी का भुगतान पारदर्शिता के साथ करने के लिए डीबीटी के जरिए पैसा खाते में भेजा जाता है. सरकारी दावों के अनुसार 99.49 फीसदी श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी हो चुकी है और उन्हें डीबीटी के जरिए मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है.
श्रमिक की औसत मजदूरी 289 रुपये रोजाना
केंद्र सरकार की इस राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना यानी मनरेगा के तहत हर राज्य में श्रमिकों के लिए दैनिक मजदूरी तय है. सरकार ने आम चुनावों से पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मनरेगा श्रमिकों के लिए मजदूरी दरों में 3-10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. नई मजदूरी दरों को 1 अप्रैल 2024 से लागू किया गया था. सबसे ज्यादा मजदूरी गोवा में 10.56 और कर्नाटक में 10.4 फीसदी बढ़ाई गई थी. जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मजदूरी दरों में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सबसे कम 3 फीसदी की बढ़त की गई थी. पूरे भारत में औसत मनरेगा मजदूरी बढ़ोत्तरी 28 रुपये प्रति दिन की गई और औसत मजदूरी 289 रुपये की गई. जबकि, इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह 261 थी. हालांकि, मानव अधिकारों और मजदूरों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने औसत मजदूरी के 350 रुपये करने की सिफारिशें की थीं.
किस राज्य में कितनी मनरेगा मजदूरी
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से मार्च 2025 में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में राजस्थान में मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत दी जाने वाली मजदूरी दर 206.51 रुपये प्रति दिन है. देशभर के अन्य राज्यों के श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी दर की तुलना में यह सबसे कम है. इसके बाद तेलंगाना में मनरेगा मजदूरों को 213.9 रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं. छत्तीसगढ़ में मजदूरी दर 219.32 रुपये है और त्रिपुरा में 218.35 रुपये मजदूर श्रमिकों को दी जाती है. मध्य प्रदेश में 228.77 रुपये और उत्तर प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों को 236.33 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी मिलती है.
MGNREGS Wages List state wise 2025
मजदूरों के लिए दैनिक खर्च चलाना मुश्किल
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में मनरेगा कार्यों से संबंधित और ग्रामीणों के साथ विकास कार्यों में सहयोग कर रहे मंगल भूमि फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि श्रमिकों को दी जा रही 236.33 रुपये मजदूरी से उन्हें दैनिक खर्च चलाने में मशक्कत करनी पड़ रही है. अगर मजदूर के यहां कोई बीमार हो गया तो उसे तंगी का सामना करना पड़ता है. मुफ्त राशन आदि मिल जाने से किसी तरह मनरेगा से श्रमिकों का गुजारा चल रहा है, लेकिन फ्यूचर प्लानिंग शून्य पर है. फाउंडेशन से जुड़े पदाधिकारी रामबाबू ने बताया कि निजी निर्माण कार्यों में मजदूरी करने पर 350 से 400 रुपये तक मजदूरी मिल रही है. कुछ जगह इसके साथ ही नाश्ता भी मजदूरों को दिया जाता है.