बटाईदार किसानों पर बड़ा ऐलान, कृषि मंत्री बोले- फसल नुकसान भरपाई पर भेदभाव नहीं
देश में कई ऐसे किसान हैं, जो स्वयं खेती नहीं करते बल्कि पट्टों पर अपनी जमीन खेती के लिए दे देते हैं, ऐसे किसानों को कई बार शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता.

बटाईदार पर खेती करने वाले किसानों और अपनी जमीन पट्टे पर देने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए केंद्र सरकार व्यवस्था लागू कर रही है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें फसल नुकसान की भरपाई पर खास ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब प्राकृतिक आपदा आती है तब केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी राज्यों को सहायता उपलब्ध कराती है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि देश में कई ऐसे किसान हैं, जो स्वयं खेती नहीं करते बल्कि पट्टों पर अपनी जमीन खेती के लिए दे देते हैं, ऐसे किसानों को कई बार शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. राज्य सरकार इसके लिए अपनी नीति बना सकती है कि वो बटाईदार और टेनेंट किसानों को भी शामिल करने का काम करेगी, केंद्र सरकार राज्यों को पूरा समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है.
फार्मर आईडी डेटा से योजनाएं पहुंचाने में आसानी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं. डिजिटल कृषि मिशन के अंतर्गत किसान आईडी बनने से किसान लाभान्वित हो रहे हैं. किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ तेज और सुलभ तरीके से उपलब्ध कराने के लिए फार्मर आईडी बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब किसानों तक अलग-अलग योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बहुत दिक्कत और परेशानी होती थी, क्योंकि हमारे पास विश्वसनीय डाटा होते नहीं थे. एक डिजिटल कृषि क्रांति भारत में हुई है और डिजिटल कृषि मिशन बनाया गया है.
फसल नुकसान भरपाई में भेदभाव नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने आपदा में फसलों के नुकसान और मुआवजे को लेकर कहा कि जहां भी प्राकृतिक आपदा से किसानों पर संकट आएगा. केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के उनके साथ खड़ी रहेगी. चाहे किसान किसी भी राज्य के और किसी भी गांव के हों, उनमें भेद नहीं किया जाएगा. जब प्राकृतिक आपदा आती है तब केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी राज्यों को सहायता उपलब्ध कराती है. पिछले दिनों तेलंगाना में अति वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई थी। मैं स्वयं वहां गया था और केंद्रीय टीम ने नुकसान के आकलन की रिपोर्ट जमा की थी.
ग्राम पंचायत स्तर पर बीमा इकाई बनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सूखाग्रस्त व जल संकट वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए अनेकों उपाय किए गए हैं. किसानों के सशक्तीकरण में केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में फसल बीमा योजना की इकाई तहसील हुआ करती थी, जिसके कारण अगर एक गांव के किसान की फसल नुकसान हो जाए तो राहत राशि नहीं मिल पाती थी. हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा की इकाई ग्राम पंचायत को बनाने का कार्य किया, जिसमें अगर एक किसान की भी फसल खराब होती है तो उसे फसल बीमा योजना का लाभ मिलता है.