पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस ली, किसानों के विरोध के आगे झुके सीएम मान
पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस ले लिया है. पॉलिसी का लंबे समय से विरोध हो रहा था, जबकि बीते कई दिनों से किसान सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस ले लिया है. इससे जुड़ा एक आधिकारिक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पॉलिसी को लेकर पंजाब के किसान कई दिनों से राज्यभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद सरकार को पॉलिसी वापस लेने का फैसला लेना पड़ा है. किसानों का कहना था कि पॉलिसी के तहत किसानों की जमीन हड़पने की साजिश है.
पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 23 मई को ‘लैंड पूलिंग पॉलिसी’ को लॉन्च किया था. उन्होंने कहा था कि इस योजना का मकसद राज्य में कई नए टाउनशिप विकसित करना है. नीति के तहत कई शहरों के पास टाउनशिप विकसित करने की योजना थी. लुधियाना के आसपास ही करीब 24,000 एकड़ कृषि भूमि इसके लिए इस्तेमाल करने का प्लान था.
क्या भारी पड़ गया वित्त मंत्री का बयान
नीति की शुरुआत के वक्त वित्त मंत्री ने कहा था कि यह नीति लंबे समय से तैयार की जा रही थी, क्योंकि आर्थिक तंगी से जूझ रही पंजाब सरकार राजस्व बढ़ाने के नए रास्ते तलाश रही है. इस बयान के बाद से ही पॉलिसी पर सवाल उठने लगे थे, कि सरकार जब खुद कह रही है कि वह अपना राजस्व बढ़ाना चाहती है तो किसानों को लगा कि उनकी जमीनों को सरकार इस नीति के तहत हथिया लेगी.
नीति लागू होने के साथ शुरू हो गया था विरोध
लैंड पूलिंग पॉलिसी की शुरुआत होने के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया था. योजना को लेकर विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया है. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने चेतावनी दी कि यह कदम पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और किसानों को जमीन से बेदखल कर उन्हें मजदूर बना देगा.
किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलन
इसके बाद से पंजाब में किसानों का विरोध शुरू हो गया. बीते सप्ताह से लगातार पंजाब किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में कई किसान संगठन और मजदूर संगठनों के नेता और पदाधिकारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे थे. पंजाब सरकार को किसानों के विरोध के आगे झुकना पड़ा है. कल और आज सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर किसान पंजाब के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन के लिए उतरे थे.
कृषि एक्सपर्ट ने पंजाब के साहसी किसानों को दिया श्रेय
कृषि एक्सपर्ट देवेंदर शर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि आखिरकार, पंजाब सरकार ने पूरी तरह से दोषपूर्ण लैंड पूलिंग नीति वापस ले ली है. इसका श्रेय पंजाब के साहसी किसानों को जाता है जिन्होंने दूसरी बार सरकार को अपनी नीति वापस लेने पर मजबूर किया. इससे पहले 2020-21 के तीन कृषि कानून और अब 65,553 एकड़ जमीन का अधिग्रहण का फैसला सरकार को वापस लेने पर मजबूर कर दिया है.
Punjab Government withdraws the Land Pooling Policy dated 14.05.2025 and its subsequent amendments. Consequently, all actions, like LOIs issued, registrations done, or any other action taken thereunder, shall be reversed henceforth: Principal Secretary, Department of Housing &… pic.twitter.com/afSYGRAFqT
— ANI (@ANI) August 11, 2025
प्रमुख सचिव ने ऑर्डर लेटर जारी किया
पंजाब सरकार आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव की ओर चिट्ठी जारी कर लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस लेने का आदेश सार्वजनिक किया है. चिट्ठी में कहा गया है कि पंजाब सरकार 14 मई 2025 की लैंड पूलिंग पॉलिसी और उसके बाद के संशोधनों को वापस लेती है. इसके नतीजे में अब तक जारी किए गए सभी कार्य, जैसे कि आशय पत्र, पंजीकरण या कोई अन्य कार्रवाई, अब से रद्द कर दी जाएगी.