अगर आप आम की खेती करते हैं या घर में एक भी आम का पौधा लगाया है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. आम की अच्छी पैदावार के लिए सिर्फ पौधा लगाना काफी नहीं होता, उसे समय पर सही तरीके से पोषण देना भी उतना ही जरूरी है. खासकर जैविक खाद का इस्तेमाल, जिससे न सिर्फ मिट्टी की सेहत बनी रहती है बल्कि आम की क्वालिटी और मात्रा दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है. आइए जानते हैं कि आम के पौधे को जैविक खाद कब, कितनी और कैसे देनी चाहिए, ताकि फल भी ज्यादा आएं और पौधा भी सालों तक स्वस्थ बना रहे.
कब देना चाहिए जैविक खाद
आम के पौधे को जैविक खाद देने का सबसे बढ़िया दो समय होते हैं पहला, मानसून शुरू होने से ठीक पहले यानी जून-जुलाई में और दूसरा, फरवरी-मार्च के दौरान. बरसात से पहले दी गई खाद बारिश के पानी के साथ मिलकर मिट्टी में अच्छे से समा जाती है और जड़ों तक पहुंचती है. वहीं सर्दी के बाद दी गई हल्की मात्रा की खाद पौधे को नई ऊर्जा देती है, जिससे नई कोपलें और बौर अच्छे से निकलते हैं.
कितनी मात्रा में देनी चाहिए जैविक खाद
आम के पौधों को उनकी उम्र के अनुसार जैविक खाद देना जरूरी है ताकि उन्हें पूरा पोषण मिल सके. 1 से 3 साल के पौधों को 5-10 किलो गोबर की खाद और 500 ग्राम से 1 किलो नीमखली या वर्मीकम्पोस्ट देना चाहिए. वहीं 4 से 7 साल के पौधों के लिए 15-25 किलो गोबर की खाद और 2-3 किलो जैविक खाद उपयुक्त होती है. इसके 8 साल या उससे अधिक उम्र वाले पेड़ों को 30-50 किलो गोबर और 4-5 किलो वर्मीकम्पोस्ट देना चाहिए.
खाद देने का तरीका
पौधे के चारों ओर गोल घेरा बनाकर, थोड़ी दूरी पर 1-1.5 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा खोदें. इसके बाद इसमें जैविक खाद भरकर ऊपर मिट्टी डालें. फिर हल्की सिंचाई करें ताकि खाद मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाए और पौधा स्वस्थ रहे.
ये जैविक खाद होती हैं उपयोगी
- गोबर की सड़ी खाद
- वर्मीकम्पोस्ट
- नीम की खली
- हरी खाद (सन, ढैंचा आदि)
इसके अलावा पंचगव्य, जीवामृत, बीजामृत जैसे तरल जैविक घोल भी फायदेमंद होते हैं जिन्हें छिड़काव के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.