Sawan 2025: सावन के पहले सोमवार पर ऐसे करें शिव पूजा, एक लोटा जल भी चमका सकता है किस्मत

Sawan Somvar 2025: सावन का महीना आते ही हर ओर भोलेनाथ की भक्ति का माहौल बन जाता है. खासकर सावन के सोमवार का तो अद्भुत महत्व है. कहते हैं इस दिन अगर श्रद्धा से शिवलिंग पर एक लोटा जल भी चढ़ा दिया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के पहले सोमवार को शिव पूजन करने की सही विधि क्या है? कैसे करें जलाभिषेक और कौन-सी चीजें चढ़ाना सबसे शुभ होता है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इस पवित्र दिन की संपूर्ण पूजन विधि और उससे जुड़ी जरूरी बातें.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 13 Jul, 2025 | 11:54 AM
1 / 6श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. यह माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. 2025 में सावन 11 जुलाई से शुरू हो चुका है और पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा. यह दिन व्रत, उपवास और शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. यह माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. 2025 में सावन 11 जुलाई से शुरू हो चुका है और पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा. यह दिन व्रत, उपवास और शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

2 / 6मान्यता है कि यदि सावन के किसी भी सोमवार को शिवलिंग पर श्रद्धा से मात्र एक लोटा जल भी चढ़ा दिया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

मान्यता है कि यदि सावन के किसी भी सोमवार को शिवलिंग पर श्रद्धा से मात्र एक लोटा जल भी चढ़ा दिया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

3 / 6हालांकि पूरे दिन शिव पूजन किया जा सकता है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (4:11 AM से 4:52 AM), अभिजीत मुहूर्त (11:59 AM से 12:55 PM) और प्रदोष काल को अत्यंत शुभ माना गया है. इन मुहूर्तों में शिवलिंग पर जल, दूध और पूजन सामग्री चढ़ाना विशेष फलदायी होता है.

हालांकि पूरे दिन शिव पूजन किया जा सकता है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (4:11 AM से 4:52 AM), अभिजीत मुहूर्त (11:59 AM से 12:55 PM) और प्रदोष काल को अत्यंत शुभ माना गया है. इन मुहूर्तों में शिवलिंग पर जल, दूध और पूजन सामग्री चढ़ाना विशेष फलदायी होता है.

4 / 6सावन सोमवार के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर में या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर साफ-सुथरे स्थान पर पूजन करें. व्रत का संकल्प लें और मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें.

सावन सोमवार के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर में या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर साफ-सुथरे स्थान पर पूजन करें. व्रत का संकल्प लें और मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें.

5 / 6शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें. इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक के फूल, भस्म, अक्षत और सफेद मिठाई चढ़ाएं. शिवजी को सफेद चीजें अर्पित करना विशेष रूप से शुभ होता है.

शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें. इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक के फूल, भस्म, अक्षत और सफेद मिठाई चढ़ाएं. शिवजी को सफेद चीजें अर्पित करना विशेष रूप से शुभ होता है.

6 / 6पूजन के अंत में तीन बार ताली बजाएं और

पूजन के अंत में तीन बार ताली बजाएं और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें. शिवजी से अपने और परिवार की रक्षा, सुख और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.

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