श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. यह माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. 2025 में सावन 11 जुलाई से शुरू हो चुका है और पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा. यह दिन व्रत, उपवास और शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
मान्यता है कि यदि सावन के किसी भी सोमवार को शिवलिंग पर श्रद्धा से मात्र एक लोटा जल भी चढ़ा दिया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
हालांकि पूरे दिन शिव पूजन किया जा सकता है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (4:11 AM से 4:52 AM), अभिजीत मुहूर्त (11:59 AM से 12:55 PM) और प्रदोष काल को अत्यंत शुभ माना गया है. इन मुहूर्तों में शिवलिंग पर जल, दूध और पूजन सामग्री चढ़ाना विशेष फलदायी होता है.
सावन सोमवार के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर में या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना कर साफ-सुथरे स्थान पर पूजन करें. व्रत का संकल्प लें और मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें.
शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें. इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक के फूल, भस्म, अक्षत और सफेद मिठाई चढ़ाएं. शिवजी को सफेद चीजें अर्पित करना विशेष रूप से शुभ होता है.
पूजन के अंत में तीन बार ताली बजाएं और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें. शिवजी से अपने और परिवार की रक्षा, सुख और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.