राजस्थान का थार क्षेत्र जो कभी बंजर रेगिस्तान हुआ करता था, आज वहाँ के किसानों की अटूट मेहनत से इस क्षेत्र में अंजीर की खेती होने लगी है. दरअसल, बाड़मेर भारत का पांचवां सबसे बड़ा जिला है लेकिन फिर भी यहां जब भी कृषि उत्पादन पर विचार किया जाता है तो इस जिले को कठोर जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यहां के किसान परंपरागत रूप से बागवानी फसलों में बेर, खजूर और अनार उगाते थे. लेकिन अब यहां के किसान अपनी कड़ी मेहनत से अंजीर उगाकर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
200 हेक्टेयर में अंजीर की खेती
साल 019-20 में केवीके (कृषि विज्ञान कंद्र) बाड़मेर केन्द्र में 5.00 हेक्टर क्षेत्र में अंजीर की लगाई गई और अब यह बड़े पैमाने पर 200.00 हेक्टर क्षेत्र में फैल गया है. अजीर की मुख्य किस्म ‘डायना’ है जिसे पौधों के बीच 4×4 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है. जिन इलाकों में पानी की कमी है वहां पौधों की सुरक्षा के लिए खेती वाले क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई प्रणाली को लगाया गया है. वर्तमान में अंजीर की खेती वाले ब्लॉक चौहटन, सिंदरी, शिवना, गुडामलानी, बाड़मेर और शिव हैं.
6 लाख तक हो रही कमाई
भाकृअनुप के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोधपुर के अनुसार बाड़मेर में कच्चा अंजीर 60 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है. इसलिए किसान एक पेड़ से 1500-2000 रुपये कमाते हैं. इस हिसाब से किसान प्रति हेक्टेयर 5-6 लाख रुपये कमाते हैं. ऐसे में अंजीर की खेती से किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. बाजार में भी अंजीर की बहुत ज्यादा मांग रहती है जिसके कारण अंजीर की खेती करने वाले किसानों के लिए इसकी खेती फायदे का सौदी साबित हो रही है.
5 हेक्टेयर से हुई थी शुरुआत
बता दें कि शुरुआत में अंजीर की खेती 5 हेक्टेयर क्षेत्र में शुरू की गई थी और अब बड़ी संख्या में किसान अंजीर की खेती के लिए आगे आ रहे हैं. अंजीर की खेती करने वाले किसानों को हो रहे मुनाफे के कारण इलाके के अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित करने के लिए केवीके द्वारा लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. , भारत अंजीर उत्पादन में 12वें स्थान पर है. भारत में अंजीर को एक मामूली फल माना जाता है और अंजीर की व्यावसायिक खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश (लखनऊ और सहारनपुर) , कर्नाटक (बेल्लारी, चित्रदुर्ग और श्रीरंगपटना) और तमिलनाडु और कोयम्बटूर के पश्चिमी हिस्सों में की जाती है.