खेत में उल्टा पांव चलने से खत्म हो जाएंगे खरपतवार! बढ़ जाएगी गेहूं की पैदावार.. 72 घंटे पहले करें ये काम

मंडूसी खरपतवार रबी फसलों के लिए काल है. खासकर गेहूं की फसल  को यह बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है. क्योंकि मंडूसी के पौधे गेहूं जैसे ही दिखते हैं, जिससे इन्हें पहचानना मुश्किल होता है. यह हल्के हरे रंग की होती है और इसके तनों से लाल रस निकलता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 10 Nov, 2025 | 12:03 PM

Wheat sowing: धान कटाई के साथ ही किसानों ने गेहूं की बुवाई शुरू कर दी है. लेकिन कई राज्यों के गेहूं किसान मंडूसी खरपतवार से परेशान हैं. मंडूसी खरपतवार से फसल को बचाने के लिए किसान रासायनिक दवाओं का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इससे खरपतवार पूरी तरह से नियंत्रित नहीं हो पा रहा है. ऐसे में किसानों की इनकम प्रभावित होती है. पर अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम ऐसी दवा और घरेलू नुस्खे के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसे अपनाते ही मंडूसी खरपतवार से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही पैदावार भी अच्छी होगी.

दरअसल, मंडूसी खरपतवार रबी फसलों के लिए काल है. खासकर गेहूं की फसल  को यह बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है. क्योंकि मंडूसी के पौधे गेहूं जैसे ही दिखते हैं, जिससे इन्हें पहचानना मुश्किल होता है. यह हल्के हरे रंग की होती है और इसके तनों से लाल रस निकलता है. यह खरपतवार गेहूं की पैदावार को काफी घटा देती है. माना जाता है कि मंडूसी का बीज भारत में साठ के दशक में मैक्सिको से आयात की गई बौनी गेहूं की किस्मों के साथ आया था. ज्यादा खाद और लगातार सिंचाई वाले खेतों में इसे बढ़ने का अच्छा माहौल मिला, जिससे यह तेजी से फैल गई. वैज्ञानिकों के अनुसार, मंडूसी गेहूं की पैदावार  को 10 से 100 प्रतिशत तक घटा सकती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है.

इस तरह करें गेहूं की बुवाई

मंडूसी खरपतवार से बचने के लिए किसान कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर अच्छी फसल ले सकते हैं. खेत में हमेशा खरपतवार-मुक्त बीज  का इस्तेमाल करें और गेहूं की बुवाई 15 नवंबर से पहले पूरी कर लें. बुवाई लाइन में लगभग 18 सेंटीमीटर की दूरी पर करें और पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए आड़ी-तिरछी बुवाई अपनाएं. खाद को बीज से 2 से 3 सेंटीमीटर नीचे डालें ताकि पौधों को पोषण सही तरीके से मिल सके. मंडूसी के फूल बनने से पहले ही इसे उखाड़ दें और इसे पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल करें. इससे खेत भी साफ रहेगा और फायदा भी होगा.

मंडूसी से निजात के लिए इस दवा का करें छिड़काव

कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, मंडूसी अब कई दवाओं के प्रति प्रतिरोधक बन चुकी है. इसलिए इसे खत्म करने के लिए किसानों को लगातार दो-तीन साल तक इसे बीज बनने से पहले काटकर नष्ट करना चाहिए. ऐसा करने से यह खरपतवार  खेतों से पूरी तरह समाप्त हो जाती है. इसके अलावा, बुवाई से करीब 72 घंटे पहले ‘मोनेंट मोर’ दवा का छिड़काव करना चाहिए. 800 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ खेत में छिड़कें. यह दवा तीन तरह के साल्ट में उपलब्ध है और मंडूसी की बढ़त को प्रभावी रूप से रोकती है. छिड़काव करते समय उल्टा चलते हुए स्प्रे करें और बुवाई के 20 से 22 दिन बाद पहली सिंचाई जरूर करें, ताकि फसल ठीक से विकसित हो सके.

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Published: 10 Nov, 2025 | 11:59 AM

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

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