बकरियों में हीट साइकिल की कैसे करें पहचान, पशुपालक जान लें ये लक्षण

बकरी पालक अगर सही समय पर बकरी के मदकाल यानी हीट साइकिल या हीट पीरियड को पहचान लें तो प्रजनन दर के साथ ही पशुपालकों का मुनाफा बढ़ जाता है.

नोएडा | Updated On: 23 May, 2025 | 05:43 PM

बकरी पालन में प्रजनन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि बकरी पालक सही समय पर मादा बकरी के मदकाल (हीट पीरियड) को पहचान सके. अगर समय पर सही जानकारी मिल जाए तो कृत्रिम गर्भाधान या बकरे से प्राकृतिक गर्भाधान कराना आसान हो जाता है. इससे न सिर्फ गर्भधारण की संभावना बढ़ती है, बल्कि पूरे पालन प्रबंधन में भी सुधार आता है.

हीट के समय दाना-चारा कम खाती है बकरी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के मुताबिक, मदकाल यानी हीट पीरियड के दौरान बकरी के व्यवहार और शरीर में कुछ खास बदलाव देखे जाते हैं. सबसे पहला लक्षण होता है कि बकरी का सामान्य से अधिक विचलित होना और दाना-चारा कम खाना. इसके साथ ही, बकरी बार-बार पेशाब करती है और बार-बार तेजी से पूंछ हिलाने लगती है. ये दोनों लक्षण बेहद आम हैं और आसानी से नजर आते हैं.

इन लक्षणों से करें पहचान

मदकाल की स्थिति में बकरी का प्रजनन अंग लाल, चिकना हो जाता है. इसके साथ ही प्रजनन अंग से पारदर्शी, चिपचिपा स्राव गिरता है. इन शारीरिक संकेतों के साथ-साथ एक और बड़ा व्यवहारिक संकेत यह है कि झुंड की अन्य मादा बकरियां आपस में एक-दूसरे पर चढ़ने की कोशिश करती हैं, या बकरा जब पास आता है तो मादा बकरी उसे अपने ऊपर चढ़ने देती है. यह गर्भाधान के लिए उपयुक्त समय का इशारा होता है.

झुंड में कैसे करें पहचान

जब बकरियों की संख्या ज्यादा होती है तो हर बकरी के मदकाल की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में बकरी पालक एक खास तकनीक अपना सकते हैं, जिसमें बकरे के पेट के नीचे एक कपड़ा या थैली बांध दी जाती है जिससे वह मादा के साथ मिलन नहीं कर पाता, लेकिन उसकी मौजूदगी से मदकाल में आयी बकरी का व्यवहार सामने आ जाता है. इस तरह बकरे को प्रतिदिन सुबह-शाम झुंड में घुमाने से हीट में आई बकरियों की पहचान की जा सकती है.

बकरी पालकों को सलाह

समय पर मदकाल की पहचान करने से प्रजनन दर में बढ़ोतरी होती है और यह एक सफल पशुपालन व्यवसाय के लिए जरूरी है. पशु चिकित्सकों के अनुसार, बकरी पालकों को इन लक्षणों पर नियमित नजर रखनी चाहिए और सही समय पर गर्भाधान कराना चाहिए. इससे उत्पादन क्षमता में सुधार होता है और आय में बढ़ोतरी होती है.

Published: 23 May, 2025 | 05:43 PM