गांव हो या शहर, अगर आपके पास मुर्गियां हैं तो उनकी सेहत और अंडा उत्पादन आपके लिए सबसे अहम होगा. बाजार में मिलने वाले रेडीमेड फीड महंगे होते जा रहे हैं और कई बार उनकी क्वालिटी भी भरोसेमंद नहीं होती. ऐसे में पोल्ट्री पालकों के लिए ‘फर्मेंटेड फीड’ एक असरदार और सस्ता विकल्प बनकर उभर रहा है. यह न सिर्फ मुर्गियों के पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, बल्कि अंडा उत्पादन और वजन बढ़ाने में भी मददगार है. अच्छी बात ये है कि इसे घर पर भी बेहद आसान तरीके से तैयार किया जा सकता है.
चारे का सही चुनाव
फर्मेंटेड फीड बनाने के शुरूआत होती है आपके पास मौजूद सामान्य फीड से. इसमें आप मैश, दाने या पेलट्स कुछ भी ले सकते हैं. इस फीड को एक साफ और खाद्य- ग्रेड बाल्टी या कंटेनर में डालें. इसे बनाते समय ध्यान रहे कि कंटेनर आधा ही भरें, ताकि फर्मेंटेशन के दौरान बनने वाली गैसों के लिए जगह बनी रहे.
पानी हो क्लोरीन मुक्त
अब बारी है पानी डालने की. याद रखें कि पानी क्लोरीन मुक्त हो, क्योंकि क्लोरीन फायदेमंद बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है. फीड को इतना पानी में डुबोएं कि वो करीब 1-2 इंच ऊपर तक ढका रहे. अगर आपके पास पिछले बैच की बची हुई फर्मेंटेशन फीड है या मट्ठा है तो उसका 10 फीसदी हिस्सा इसमें मिला दें. इससे फर्मेंटेशन प्रक्रिया तेजी से शुरू होगी.
घोल बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान
अब इस कंटेनर को किसी कपड़े या ढक्कन से ढक दें ताकि गैस बाहर निकल सके लेकिन मच्छर-मक्खी अंदर न जाएं. इस घोल को दिन में 1-2 बार अच्छे से हिलाएं ताकि फर्मेंटेशन बराबर हो. आमतौर पर फीड को कमरे के तापमान (60-75°F) पर 2-3 दिनों के लिए छोड़ दें. इसमें खमीर जैसी खट्टी गंध आनी चाहिए. अगर फीड सड़ी हुई बदबू देने लगे या फफूंद दिखे तो उसे फेंक दें.
सही तरीके से स्टोर करें
फर्मेंटेशन फीड तैयार हो जाने के बाद इसे छानकर सिर्फ उतना ही दें जितना आपकी मुर्गियां एक दिन में खा लें. बचे हुए फीड को तुरंत हटा दें ताकि वह खराब न हो. अगर फीड बच जाती है तो उसे 1-2 दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है. फर्मेंटेड फीड को मुख्य आहार की बजाय एक पूरक के रूप में उपयोग करें.