बिहार का आम बना ब्रांड! महज दो दिन में 30 लाख की बिक्री, गांधी मैदान में जुटी हजारों की भीड़

बिहार के गांधी मैदान, पटना में 28-29 जून 2025 को आयोजित आम महोत्सव ने रिकॉर्ड बना दिया. दो दिनों में लगभग 30 लाख रुपये की आमों की बिक्री हुई, जिसमें 806 आम उत्पादकों और उद्यमियों ने हिस्सा लिया.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 29 Jun, 2025 | 10:51 PM

पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में 28-29 जून को आयोजित दो दिवसीय आम महोत्सव-सह-प्रतियोगिता 2025 ने एक नया कीर्तिमान रच दिया. बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस कार्यक्रम का समापन करते हुए विजेताओं को सम्मानित किया और कहा कि बिहार का आम अब केवल एक फल नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुका है. इस महोत्सव में महज दो दिन में 30 लाख रुपये से अधिक की बिक्री हुई, जो किसानों की मेहनत और आम की लोकप्रियता का प्रमाण है.

5214 किस्मों का हुआ प्रदर्शन

कार्यक्रम में राज्य के 806 आम उत्पादकों और उद्यमियों ने भाग लिया और 5214 किस्मों के आम और उससे जुड़े उत्पादों का प्रदर्शन किया. इन्हें वैज्ञानिकों की कमिटी ने जांचा-परखा और उत्कृष्ट प्रदर्शकों को पुरस्कृत किया गया. कुल 3.31 लाख रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई. वहीं, वैशाली जिले ने सबसे अधिक 64 हजार रुपये की पुरस्कार राशि जीतकर बाजी मारी.

प्रतियोगिताओं में बच्चों की जबरदस्त भागीदारी

महोत्सव में सिर्फ किसान ही नहीं, बच्चों और युवाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. आम खाने की प्रतियोगिता में पटना के रियांश राज ने 8.20 सेकंड में एक आम खाकर पहला स्थान हासिल किया. इसके अलावा, चित्रकला प्रतियोगिता में 40 से अधिक स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया और शानदार चित्रों के माध्यम से आम को अपनी कल्पना में दिखाया.वहीं, क्विज प्रतियोगिता में कृषि महाविद्यालयों की छह टीमों ने भाग लिया, जिसमें नालंदा उद्यान महाविद्यालय की टीम प्रथम रही.

बाजार से जुड़ाव बढ़ाने के लिए आम के पौधों, ताजे आम, आम की मिठाइयों और अन्य खाद्य उत्पादों के 20 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे. इन स्टॉलों पर खरीददारों की भारी भीड़ उमड़ी. महोत्सव में आम से जुड़े आकर्षक सेल्फी प्वाइंट भी लगाए गए थे, जो युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने

Patna Mango Mela

बच्चों को पुरस्कार देते उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा

बच्चों के लिए गार्डनिंग की पहल

इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह भी ऐलान किया कि सरकार किसानों को अनुदानित दर पर उद्यानिक कीट उपलब्ध कराएगी और पैकेजिंग पर अनुदान देगी, ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके. उन्होंने बताया कि स्कूलों के पास स्थित उद्यानों में आकर्षक वाटिकाएं बनाकर बच्चों को प्रकृति से जोड़ने की पहल भी की जाएगी.

आम को बताया संस्कृति की धरोहर

कार्यक्रम में कृषि प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि आम सिर्फ फल नहीं, हमारी संस्कृति और परंपरा की धरोहर है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे बागानों को नवाचार और आधुनिक तकनीकों के साथ संरक्षित करें. इस दौरान वैज्ञानिकों द्वारा आम के बागों को पुनर्जीवित करने, पोषण प्रबंधन, कीट नियंत्रण और वैश्विक निर्यात के अवसरों पर भी तकनीकी जानकारी दी गई.

इस समारोह में किसान चाची राजकुमारी देवी, कृषि वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान व शहरवासी उपस्थित रहे. यह महोत्सव बिहार में फलोत्पादन की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ.

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