World Animal Day के मौके पर पशु प्रेमियों और किसानों के लिए एक खास रिपोर्ट सामने आई है. भारत में गाय को सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि गौ माता के रूप में पूजा जाता है. हिंदू धर्म में गाय का महत्व इतना बड़ा है कि घर में पहली रोटी गाय को खिलाना शुभ माना जाता है. कई पुराणों में गाय को धर्म और आशीर्वाद का प्रतीक माना गया है. जानिए क्यों गाय को मां का दर्जा मिला और इसकी पूजा का इतना बड़ा महत्व क्यों दिया गया है.
धरती पर सबसे पहले आई थी गाय
शास्त्रों के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तो उन्होंने सबसे पहले गाय को पृथ्वी पर भेजा. इसका कारण सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक भी था. गाय का दूध नवजात बच्चों के लिए सबसे पोषक और सुपाच्य माना गया है. इसके अलावा, शास्त्र बताते हैं कि सभी जानवरों में केवल गाय ही ‘मां’ शब्द का उच्चारण कर सकती है. यही कारण है कि मां शब्द की उत्पत्ति गौवंश से जुड़ी हुई मानी जाती है. गाय को सृष्टि में प्रथम स्थान देने से यह स्पष्ट होता है कि मानव जीवन और पशु पालन में उसकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही है. किसान और पशुपालक हमेशा गाय के संरक्षण और सेवा को सर्वोच्च कार्य मानते हैं.
शिशु और गाय का दूध
नवजात बच्चों को मां का दूध न मिलने पर गाय का दूध सर्वोत्तम विकल्प माना जाता है. यह सुपाच्य, पोषक और आयुर्वेद के अनुसार बहुत लाभकारी होता है. गाय के दूध में 16 प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि गाय का दूध बच्चों के लिए मां के दूध के बाद सबसे उपयुक्त पोषण है. यही कारण है कि गौ माता को जीवनदाता और मां का दर्जा दिया गया है. बच्चों के सही पोषण और स्वस्थ विकास में गाय की अहम भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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गौ पूजा और मनोकामना
हिंदू धर्म-शास्त्रों के अनुसार, गौ माता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. जिन घरों में गाय रहती है, वहां हमेशा शांति और आनंद बना रहता है. गौ माता की सेवा करना सबसे श्रेष्ठ कार्य माना गया है. रोजाना पहली रोटी गौ माता को खिलाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. भविष्य पुराण में उल्लेख है कि गाय के सींगों में तीनों लोकों के देवी-देवता विराजमान रहते हैं. इसीलिए गाय की पूजा और सेवा करना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
धार्मिक और सामाजिक महत्व
गाय केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी इसकी अहमियत है. गाय का दूध, घी और अन्य उत्पाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विशेष योगदान देते हैं. World Animal Day के मौके पर विशेषज्ञ बताते हैं कि गाय को माता मानना केवल धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि मानव जीवन और सामाजिक जीवन के लिए आवश्यक भी है. गाय के संरक्षण और सेवा से न केवल घर में समृद्धि आती है, बल्कि यह पशुपालन और कृषि विकास को भी बढ़ावा देता है.
गाय की सेवा: हमारा कर्तव्य
World Animal Day के अवसर पर यह याद दिलाना जरूरी है कि सभी जीवों का सम्मान और सेवा करना मानव धर्म का हिस्सा है. गाय की सेवा करना सिर्फ धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है. गाय की सेवा से स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ और समाज में शांति आती है. माता गाय की सुरक्षा और संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि गाय को संरक्षित रखने और उसकी सेवा करने से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह शिक्षा और सामाजिक जागरूकता भी बनती है.
(Disclaimer: यहां जानकारी सामान्य मान्यताओं और मीडिया जानकारियों पर आधारित है. किसान INDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)