कृषि वैज्ञानिक अकसर ऐसे शोध करते रहते हैं जो कि कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने की क्षमता रखते हों. इसके साथ ही किसानों को भी उससे फायदा हो. इसी कड़ी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU), सबौर भागलपुर में कृषि वैज्ञानिकों और उनकी टीम ने एक नया शोध किया . इसमें उन्होंने टमाटर की नई किस्म का इजाद किया है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने बिना बीज वाले टमाटर की एक नई वैरायटी विकसित की है. जानकारी के अनुसार इस नई किस्म के इजाद से सब्जी खेती और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में क्रांति आ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि टमाटर की इस नई किस्म में अधिक गूदा है. साथ ही इसकी शेल्फ लाइफ भी अधिक है. टमाटर की यह किस्म लंबे समय तक खराब नहीं होगी , साथ ही इसकी शेल्फ लाइफ भी ज्यादा है.
बाजार में जल्द मिलेंगे बीज
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिना बीज वाले टमाटर के पौधे तैयार करने की दिशा में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. जल्द ही इन किस्मों को बाजार में भी उपलब्ध कराया जाएगा. बिहार सरकार ने सोशल मीडियम के माध्यम से बिना बीज वाले टमाटर की किस्मों के शोध के बारे में जानकारी दी. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने वैज्ञानिकों के इस शोध को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया.
ऐसे होगा किसानों को फायदा
बता दें कि बिना बीज वाले टमाटर की क्वालिटी को बेहतर बताया जा रहा है. क्योंकि इस टमाटर की शेल्फ लाइफ लंबी बताई जा रही है इसलिए किसानों को इसकी खेती से काफी फायदा होगा. किसानों के लिए यह किस्म किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि अकसर टमाटर के खराब होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इन्ही सब फायदों को देखते हुए वैज्ञानिकों का भी मानना है कि ये किस्म सब्जी खेती और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में क्रांति ला सकती है.
शोध के पीछे का उद्देश्य
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार बिना बीज वाले टमाटर की किस्म को विकसित करने का उद्देश्य बीज निर्माण और विकास के लिए जिम्मेदार जीन की पहचान करना है, ताकि जेनेटिक इंजानियरिंग की तकनीक का इस्तेमाल कर बिना बीज वाली किस्मों को और ज्यादा विकसितस किया जा सके.