कृषि क्षेत्र में शिवराज सिंह चौहान की अहम बैठक, किसानों के हितों को बताया सर्वोपरि
बैठक में कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसानों की जरूरतों को समझें और उनके हितों को प्राथमिकता दें.

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने 17 फरवरी को दिल्ली में एक बैठक की. इस बैठक में उन्होंने देश के कृषि क्षेत्र की साप्ताहिक प्रगति की चर्चा की और स्थिति का जायजा लिया.
इस बैठक में उन्होंने रबी फसलों की बुआई, उत्पादन, और किसानों को मिलने वाले दाम पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे पूरी संवेदनशीलता के साथ किसानों की जरूरतों को समझें और उनके हितों को प्राथमिकता दें.
रबी फसलों का बढ़ा क्षेत्रफल
रबी सीजन में इस साल बुआई का क्षेत्र पिछले साल की तुलना में बढ़ा है. आंकड़ों के अनुसार, इस बार 661.03 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई हुई है, जो कि पिछले साल के 651.42 लाख हेक्टेयर से 9.62 लाख हेक्टेयर अधिक है. गेहूं, धान, और दलहन जैसी फसलों की बुआई में भी बढ़ोतरी देखी गई है.
बैठक में बताया गया कि गेहूं की बुआई इस साल 324.88 लाख हेक्टेयर में हुई, जबकि पिछले साल यह 318.33 लाख हेक्टेयर थी. धान की बुआई 42.54 लाख हेक्टेयर में हुई, जो पिछले साल 40.59 लाख हेक्टेयर थी. वहीं दलहन का क्षेत्रफल 140.89 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले साल यह 137.80 लाख हेक्टेयर था. तिलहन की बात करें तो इसकी बुआई 97.47 लाख हेक्टेयर में हुई, हालांकि यह पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम, यानी 99.23 लाख हेक्टेयर रही है.
टमाटर और प्याज की बुआई पर हुई चर्चा
बैठक में रबी मौसम में टमाटर और प्याज की बुआई पर भी चर्चा हुई, जिसमें बताया गया कि प्याज की खेती पिछले साल की तुलना में 1.52 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में हुई है. जबकि आलू की बुआई 0.32 लाख हेक्टेयर ज्यादा क्षेत्र में की गई है. टमाटर की बुआई सामान्य रही है और अभी भी इसकी खेती के लिए समय उपलब्ध है.
किसानों को मिले उचित दाम
बैठक में कृषि मंत्री ने किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिलना चाहिए और थोक व खुदरा बाजार में उनके उत्पादों की सही कीमत सुनिश्चित होनी चाहिए.
मौसम और जलाशयों की स्थिति पर नजर
मौसम का जिक्र करते हुए बताया गया कि मौजूदा स्थिति और जलाशयों में उपलब्ध पानी को देखते हुए इस बार गेहूं और सरसों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है. कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि खाद और बीज की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और साथ ही किसानों को उनकी जरूरत का सामान समय पर उपलब्ध कराया जाए.
किसानों का हित
कृषि मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता है. किसानों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी देने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी.
इस समीक्षा बैठक से यह साफ हो गया कि सरकार किसानों की भलाई के लिए लगातार काम कर रही है और उनकी हर जरूरत को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.