चाय की हर पत्ती में छुपी है मेहनत की खुशबू, कृषि मंत्री ने खुद तोड़ीं पत्तियां

असम के हरे-भरे चाय के बागानों में इन दिनों न सिर्फ चाय की खुशबू महक रही है, बल्कि मेहनत और लगन की कहानी भी बयां हो रही है. हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बोकाखाट स्थित हाटीखुली टी एस्टेट का दौरा किया. यहां की प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली से भरपूर इस चाय बागान ने उन्हें बेहद प्रभावित किया.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 16 May, 2025 | 07:12 PM
1 / 5शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ चाय बागानों की सुंदरता का आनंद लिया, बल्कि वहां काम कर रहीं महिलाओं के बीच पहुंचकर उनके कार्य को करीब से देखा और समझा इसके साथ ही उन्होंने खुद भी कुछ समय तक चाय की पत्तियों को तोड़ने का काम किया और अनुभव किया कि चाय की हर एक पत्ती कितने धैर्य, और परिश्रम से तैयार की जाती है.

शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ चाय बागानों की सुंदरता का आनंद लिया, बल्कि वहां काम कर रहीं महिलाओं के बीच पहुंचकर उनके कार्य को करीब से देखा और समझा इसके साथ ही उन्होंने खुद भी कुछ समय तक चाय की पत्तियों को तोड़ने का काम किया और अनुभव किया कि चाय की हर एक पत्ती कितने धैर्य, और परिश्रम से तैयार की जाती है.

2 / 5कृषि मंत्री ने कहा कि 'इन बहनों की मुस्कान, उनका समर्पण और जीवन की सादगी हमें यह सिखाती है कि मेहनत ही असली पूंजी है. चाय की पत्तियां तोड़ना जितना सरल दिखता है, उतना ही कठिन है. इसमें धूप, बारिश और मौसम की मार को सहते हुए काम करना पड़ता है. लेकिन, इन महिलाओं की मुस्कान और ऊर्जा देखकर समझ आता है कि जब श्रम को सम्मान मिलता है, तभी विकास को सही दिशा मिलती है.

कृषि मंत्री ने कहा कि 'इन बहनों की मुस्कान, उनका समर्पण और जीवन की सादगी हमें यह सिखाती है कि मेहनत ही असली पूंजी है. चाय की पत्तियां तोड़ना जितना सरल दिखता है, उतना ही कठिन है. इसमें धूप, बारिश और मौसम की मार को सहते हुए काम करना पड़ता है. लेकिन, इन महिलाओं की मुस्कान और ऊर्जा देखकर समझ आता है कि जब श्रम को सम्मान मिलता है, तभी विकास को सही दिशा मिलती है.

3 / 5चाय बागान में काम कर रहीं महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि वे इनके जीवन की स्थिरता और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. शिवराज सिंह ने कहा कि इन श्रमिक बहनों की भूमिका न केवल चाय के उत्पादन तक सीमित है, बल्कि वे भारत की आर्थिक और सामाजिक मजबूती की भी अहम कड़ी भी हैं.

चाय बागान में काम कर रहीं महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि वे इनके जीवन की स्थिरता और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. शिवराज सिंह ने कहा कि इन श्रमिक बहनों की भूमिका न केवल चाय के उत्पादन तक सीमित है, बल्कि वे भारत की आर्थिक और सामाजिक मजबूती की भी अहम कड़ी भी हैं.

4 / 5 अकसर जब हम घर या ऑफिस में चाय का प्याला उठाते हैं, तो उसकी खुशबू और स्वाद की तारीफ करते हैं, लेकिन शायद ही हमें अहसास होता है कि उस चाय की हर पत्ती के पीछे कितनी मेहनत छुपी है. शिवराज सिंह चौहान का यह दौरा हमें यही याद दिलाता है कि चाय की खुशबू सिर्फ बागानों की मिट्टी से नहीं, बल्कि उन हाथों से आती है जो उसे दिन-रात सींचते हैं.

अकसर जब हम घर या ऑफिस में चाय का प्याला उठाते हैं, तो उसकी खुशबू और स्वाद की तारीफ करते हैं, लेकिन शायद ही हमें अहसास होता है कि उस चाय की हर पत्ती के पीछे कितनी मेहनत छुपी है. शिवराज सिंह चौहान का यह दौरा हमें यही याद दिलाता है कि चाय की खुशबू सिर्फ बागानों की मिट्टी से नहीं, बल्कि उन हाथों से आती है जो उसे दिन-रात सींचते हैं.

5 / 5इस दौरे के जरिए उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया कि अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है, तो हमें हर उस हाथ को सम्मान देना होगा जो विकास की नींव रखता है चाय बागानों की महिलाएं इस बात की मिसाल हैं कि परिश्रम, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है.

इस दौरे के जरिए उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया कि अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है, तो हमें हर उस हाथ को सम्मान देना होगा जो विकास की नींव रखता है चाय बागानों की महिलाएं इस बात की मिसाल हैं कि परिश्रम, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है.

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Published: 16 May, 2025 | 07:10 PM

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