गेहूं की थैलियों पर लिखे DBW, PBW, HD, WH का क्या है मतलब? जानें कौन सी किस्म देती है बंपर पैदावार

Tips For Farmers: क्या आपने कभी गौर किया है कि गेहूं की बोरियों पर कुछ अजीब से अक्षर लिखे होते हैं जैसे HD 2967, PBW 343 या DBW 187? क्या आप जानते हैं कि इन नामों का मतलब क्या होता है और ये आपकी थाली में आने वाले आटे की गुणवत्ता तक को प्रभावित करते हैं? दरअसल, ये नाम गेहूं की अलग-अलग वैज्ञानिक किस्मों की पहचान होते हैं, जिन्हें देशभर के कृषि अनुसंधान केंद्रों में खास परिस्थितियों के हिसाब से विकसित किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं, इन नामों के पीछे छिपा पूरा राज और कैसे ये गेहूं की पहचान, पैदावार और गुणवत्ता से सीधा जुड़ा है.

नोएडा | Updated On: 8 Nov, 2025 | 05:42 PM
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DBW से शुरू होने वाली किस्में — ये गेहूं की वैरायटी करनाल स्थित ICAR–Indian Institute of Wheat and Barley Research द्वारा विकसित की जाती हैं, जो उच्च उपज और रोग-प्रतिरोध के लिए जानी जाती हैं.

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PBW का मतलब ‘Punjab Wheat’ — पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा विकसित इन किस्मों में PBW 343 और PBW 872 जैसी सफल वैरायटी शामिल हैं, जो पंजाब की जलवायु के अनुरूप हैं.

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HD यानी ‘Hindustan Developed’ — ये किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली में विकसित होती हैं, जिनमें HD 2967 और HD 3086 जैसी हाई-यील्डिंग वैरायटी लोकप्रिय हैं.

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WH का अर्थ ‘Wheat of Haryana’ — चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित WH श्रृंखला की किस्में कम पानी और विविध परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती हैं.

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HI यानी ‘Himalayan Institute’ की किस्में — मध्य भारत की मिट्टी के लिए उपयुक्त HI 1500 और HI 8713 जैसी किस्में पास्ता और सूजी बनाने के लिए बेहतरीन कठिया गेहूं प्रदान करती हैं.

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संक्षिप्त नामों का उद्देश्य — इन कोडों से गेहूं की किस्मों की पहचान और बीज प्रमाणीकरण आसान होता है, जिससे किसान अपनी मिट्टी और मौसम के अनुसार सही किस्म चुन पाते हैं.

Published: 8 Nov, 2025 | 05:42 PM

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