भारत में खेती आज भी मेहनत और समय पर निर्भर करती है. खेतों में काम करने के लिए जहां मजदूरों की जरूरत पड़ती है, वहीं लगातार बढ़ती मजदूरी और कम समय में काम पूरा करने की चुनौती किसानों के सामने बड़ी परेशानी बनती जा रही है. खासकर जब बात खेतों में गोबर या खाद फैलाने की आती है, तो यह काम बेहद थकाऊ और समय लेने वाला होता है. लेकिन अब किसानों के लिए राहत की खबर है, एक ऐसी मशीन जो सिर्फ 5 मिनट में 15 मजदूरों का काम कर देती है. इस मशीन का नाम है ‘मक स्प्रेडर मशीन’.
क्या है मक स्प्रेडर मशीन?
मक स्प्रेडर मशीन आधुनिक खेती में तकनीक का एक शानदार उदाहरण है. यह एक ऐसी मशीन है जो खेतों में गोबर, कम्पोस्ट या रासायनिक खाद को बहुत तेजी और समान रूप से फैला देती है. इस मशीन को ट्रैक्टर के पीछे जोड़ा जाता है और इसमें खाद या गोबर भरा जाता है. जैसे ही ट्रैक्टर खेत में आगे बढ़ता है, मशीन का हाइड्रोलिक गेट खुलता है और उसके अंदर लगे ब्लेड तेजी से घूमने लगते हैं. इससे खाद पूरे खेत में बराबर मात्रा में फैल जाती है.
यह मशीन करीब 150 स्क्वायर फुट तक खाद एक बार में रख सकती है और महज 5 मिनट में पूरा खेत तैयार कर देती है. इससे न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि किसान को बार-बार मजदूरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.
कैसे करती है काम?
इस मशीन को चलाने के लिए किसी खास प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होती. इसे ट्रैक्टर से जोड़ा जाता है और ट्रैक्टर चालक इसे रिमोट कंट्रोल से संचालित करता है. जब मशीन के पीछे लगा हाइड्रोलिक गेट खुलता है, तो उसके अंदर के ब्लेड घूमने लगते हैं और खाद या गोबर खेत में समान रूप से फैल जाता है. एक बार में मशीन पूरे खेत को खाद से ढक देती है और किसी को हाथ से काम करने की जरूरत नहीं पड़ती.
किसानों के लिए क्यों है यह वरदान
मक स्प्रेडर मशीन किसानों के लिए कई तरह से फायदेमंद है. सबसे बड़ा फायदा यह है कि जहां पहले 15 मजदूरों को पूरा दिन लगता था, वहां यह मशीन सिर्फ 5 मिनट में वही काम कर देती है. इससे न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि मजदूरी का खर्च भी कम हो जाता है. किसान को मेहनत भी कम करनी पड़ती है और उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है.
इसके अलावा, मशीन के जरिए खाद खेत में समान रूप से फैलती है जिससे फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है और पैदावार में भी सुधार आता है. यह मशीन मजबूत मटेरियल से बनी होती है, इसलिए इसे सालों तक बिना किसी बड़ी मरम्मत के इस्तेमाल किया जा सकता है.
कीमत और उपलब्धता
मक स्प्रेडर मशीन की कीमत लगभग 6 लाख रुपये है. हालांकि यह कीमत एक छोटे किसान के लिए ज्यादा हो सकती है, लेकिन बड़े किसान इसे खरीदकर छोटे किसानों को किराए पर देकर अपनी लागत निकाल सकते हैं. कई राज्य सरकारें और कृषि विभाग इस तरह की मशीनों पर सब्सिडी भी प्रदान करते हैं, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें.
खेती का भविष्य
खेती में तकनीक का बढ़ता उपयोग न सिर्फ किसानों की मेहनत कम कर रहा है, बल्कि उनकी उत्पादकता भी बढ़ा रहा है. मक स्प्रेडर जैसी मशीनें ग्रामीण भारत में खेती के तौर-तरीकों को आधुनिक बना रही हैं. आने वाले समय में जब हर खेत में ऐसी मशीनें दिखेंगी, तब खेती न सिर्फ आसान बल्कि अधिक लाभदायक भी बन जाएगी.