Today Weather: देश में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है. मॉनसून की वापसी के साथ जहां कुछ दिनों तक धूप और उमस ने लोगों को परेशान किया, वहीं अब बादल फिर से लौट आए हैं. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिल सकती है. साथ ही तापमान में तेजी से गिरावट के संकेत भी मिल रहे हैं.
उत्तर भारत में लौटे बादल, बारिश से बदला माहौल
दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बीते दो दिनों से मौसम ने अचानक करवट ली है. जहां कुछ दिन पहले तक लोग गर्मी और चिपचिपी उमस से परेशान थे, वहीं अब आसमान में बादल छाए हैं और कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर शुरू हो गया है.
मौसम विभाग का कहना है कि यह बदलाव एक तीव्र पश्चिमी विक्षोभ के असर से हो रहा है, जो इस समय उत्तर भारत के ऊपर सक्रिय है. इसके चलते न केवल बारिश बल्कि तेज हवाएं और ओलावृष्टि भी होने की संभावना है. IMD ने बताया है कि 8 अक्टूबर से अगले दो दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. इसका मतलब है कि अब सुबह और रात में हल्की सर्दी का अहसास शुरू हो जाएगा.
दिल्ली-एनसीआर: बादलों ने बढ़ाई ठंडक
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बीते 24 घंटों में तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की कमी आई है जबकि अधिकतम तापमान करीब 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. 6 और 7 अक्टूबर को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. कई इलाकों में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी की संभावना है.मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इससे वायु गुणवत्ता (AQI) में भी सुधार हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में पश्चिमी जिलों में जोरदार बारिश का अनुमान
उत्तर प्रदेश में इस समय मौसम दो हिस्सों में बंटा हुआ है. पश्चिमी यूपी के जिलों जैसे मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, मथुरा और अलीगढ़ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. वहीं, पूर्वी यूपी जैसे वाराणसी, गोरखपुर, देवरिया और बलिया में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है.
मौसम विभाग का कहना है कि 7 अक्टूबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे मौसम साफ हो जाएगा. 9 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में आसमान खुल जाएगा और तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी. किसानों को सलाह दी गई है कि बारिश के कारण खेतों में पानी न भरने दें और धान की फसल की कटाई के दौरान सावधानी बरतें.
बिहार में गरज-चमक और बिजली गिरने का खतरा
बिहार में भी अगले कुछ दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा. खासकर उत्तर बिहार और सीमांचल के जिलों में गरज-चमक और बिजली गिरने के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. पूर्णिया, मधुबनी, सहरसा और कटिहार जैसे जिलों में अगले 48 घंटों तक मौसम खराब रह सकता है.
IMD ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे ज्यादा देर खड़े न रहें, क्योंकि बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
राजस्थान में ओले और ठंडी हवाओं का असर
राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. राज्य के पश्चिमी हिस्सों जोधपुर, बाड़मेर, नागौर और जैसलमेर में भारी बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई है. वहीं, जयपुर और अजमेर में भी तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है.
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों में मॉनसून की वापसी प्रक्रिया और आगे बढ़ेगी, जिसके बाद राजस्थान में मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा. लेकिन फिलहाल, ठंडी हवाओं ने लोगों को सर्दी का शुरुआती एहसास करवा दिया है.
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. कई ऊंचे इलाकों में ओले गिरने की भी आशंका है. पहाड़ी सड़कों पर फिसलन बढ़ सकती है और भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है. इसलिए यात्रियों और तीर्थयात्रियों को फिलहाल सफर से बचने या सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में भी जारी है बरसात
पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले पांच दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. वहीं दक्षिण भारत में भी केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. समुद्री हवाओं के कारण तटीय इलाकों में लहरें ऊंची उठ सकती हैं, इसलिए मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
ठंडी हवाओं की आहट
अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही अब मौसम धीरे-धीरे सर्दी की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. बारिश और ओलावृष्टि के बाद तापमान में जो गिरावट आएगी, वह आने वाले हफ्तों में ठंड की शुरुआत का संकेत हो सकती है. फिलहाल, बारिश ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी हिस्सों तक मौसम का यह बदलाव सभी को सतर्क रहने की याद दिला रहा है.