Fishing Ban: हर साल अक्टूबर में बांग्लादेश में हिल्सा मछली की सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किए जाते हैं. हिल्सा को बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली माना जाता है और इसका स्वाद और पौष्टिकता बेहद खास है. इसकी मांग न सिर्फ बांग्लादेश में, बल्कि भारत और अन्य देशों में भी बहुत अधिक है. प्रजनन के समय हिल्सा समुद्र से नदियों में लौटती है और इसी दौरान मछुआरों की आय में भी बढ़ोतरी होती है.
मछली पकड़ने पर तीन हफ्ते का प्रतिबंध
हिल्सा मछली की संख्या में कमी और अवैध तस्करी रोकने के लिए सरकार ने 4 से 25 अक्टूबर तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस दौरान मछुआरों की मदद के लिए प्रत्येक परिवार को 25 किलोग्राम चावल उपलब्ध कराया गया है. इससे मछुआरे प्रजनन काल के दौरान भी जीवनयापन कर सकें और मछली की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
नौसेना और हेलीकॉप्टर से निगरानी
हिल्सा की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश ने 17 नौसेना युद्धपोत और गश्ती हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. ये दल दिन-रात निगरानी कर रहे हैं ताकि कोई भी अवैध पकड़ या तस्करी न हो. अधिकारियों का कहना है कि प्रजनन के समय मछलियों को शांत और निर्बाध जल की जरूरत होती है. जहाजों या अन्य गतिविधियों से मछलियों के अंडे देने के प्राकृतिक चक्र में रुकावट नहीं आनी चाहिए.
आर्थिक महत्व
हिल्सा मछली बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लाखों लोग इस मछली पर अपनी रोजी-रोटी निर्भर करते हैं. ढाका में इसकी कीमत प्रति किलोग्राम लगभग 2,200 टका (18.40 डॉलर) तक हो सकती है. भारत के पश्चिम बंगाल और कोलकाता जैसे शहरों में भी हिल्सा की भारी मांग है.
संरक्षण की चुनौतियां
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्र स्तर में बदलाव के कारण हिल्सा के प्रजनन और प्रवास पर असर पड़ रहा है. नदी के निचले हिस्सों में पानी का बदलाव और जहाजों की आवाजाही मछलियों के अंडे देने के प्राकृतिक चक्र में रुकावट डाल सकते हैं. इसलिए बांग्लादेश सरकार ने इस मछली की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं.
उत्पादन और वैश्विक पहचान
बांग्लादेश में हर साल लगभग 3,87,000 हिल्सा मछलियां पकड़ी जाती हैं. यह देश के कुल मछली उत्पादन का लगभग 10 फीसदी हिस्सा हैं. हिल्सा बाजार की कुल कीमत 158.7 अरब टका है, जो बांग्लादेश के GDP का करीब 1 फीसदी बनाता है. पिछले साल इसे भौगोलिक पहचान भी मिली, जिससे इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व और बढ़ गया है.
हिल्सा मछली बांग्लादेश की राष्ट्रीय धरोहर है. इसके संरक्षण और प्रजनन के लिए उठाए गए कदम न केवल मछुआरों की आजीविका की रक्षा करते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थायी मछली पालन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं.