किसानों को मिली बड़ी राहत, अब जंगली जानवर और जलभराव से फसल खराब होने पर मिलेगा पूरा मुआवजा

किसानों के लिए खुशखबरी है. सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना में दो बड़े बदलाव किए हैं. अब जंगली जानवरों से फसल खराब होने और जलभराव या बाढ़ से फसल नष्ट होने पर भी पूरा मुआवजा मिलेगा. यह फैसला खेती करने वाले लाखों किसानों को बड़ी राहत देगा.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 21 Nov, 2025 | 05:32 PM

Crop Insurance : जब खेत में महीनों की मेहनत एक रात की बारिश या जंगली जानवरों के हमले से बरबाद हो जाती है, तो किसान का दिल भी उसी तरह टूट जाता है जैसे फसल टूटती है. कई बार किसान सिर्फ इतना ही कह पाता है- अब क्या होगा? लेकिन अब सरकार ने इस सवाल का पक्का जवाब दे दिया है. फसल बर्बाद होगी, तो नुकसान झेलना किसान को नहीं पड़ेगा, बीमा कंपनी भरपाई करेगी. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दो ऐसे बदलाव किए हैं, जिन्हें किसान वर्षों से मांग रहे थे. ये बदलाव न केवल किसानों का भरोसा बढ़ाएंगे बल्कि खेती को सुरक्षित बनाने की दिशा में बहुत बड़ा कदम माने जा रहे हैं.

जंगली जानवरों से नुकसान अब बीमा के दायरे में

देश के लाखों किसान जंगली सूअर, नीलगाय, बंदर, हाथी और हिरण जैसे जानवरों के कारण हर साल भारी नुकसान उठाते  थे. खेत की तैयार फसल रातों-रात चौपट हो जाती थी, मगर बीमा योजना में यह नुकसान शामिल नहीं था. अब यह बड़ी समस्या खत्म हो रही है. नए नियम के तहत जंगली जानवर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, तो किसान को पूरा मुआवजा मिलेगा. यह बदलाव खासतौर पर उन इलाकों के लिए राहत जैसा है जो जंगलों से लगे हैं- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड जैसे राज्य अब इससे सबसे ज्यादा फायदा देखेंगे. किसानों के लिए यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जंगली जानवरों का खतरा पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ा है.

जलभराव और बाढ़ से खराब फसल भी होगी कवर

धान की खेती  वाले किसानों के लिए जलभराव हमेशा से सबसे बड़ी समस्या रही है. लगातार बारिश होने या नदी-नालों के बढ़ने से खेत भर जाते हैं और फसल सड़ जाती है. पहले इस तरह का नुकसान भी बीमा योजना में नहीं आता था. सरकार ने इस बार किसानों की मुश्किल समझते हुए जलभराव और बाढ़ को भी बीमा के दायरे में शामिल कर दिया है. इससे बिहार, असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. अब भारी बारिश से खेत डूब गए या फसल खराब हो गई, फिर भी बीमा क्लेम मिलेगा और किसान को आर्थिक नुकसान से बचाया जाएगा.

वैज्ञानिक प्रक्रिया के आधार पर मिलेगी भरपाई

पहले इन नुकसानों को स्थानीय समस्या माना जाता था, इसलिए इनका मूल्यांकन भी मुश्किल होता था. अब कृषि मंत्रालय ने वैज्ञानिक आधार वाली नई प्रक्रिया लागू की है. विशेषज्ञों की समिति ने पुख्ता रिपोर्ट दी है कि जंगली जानवरों व जलभराव से होने वाला नुकसान भी फसल बीमा योजना के तहत आना चाहिए. सरकार ने इस रिपोर्ट को मंजूर करते हुए व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बना दिया है. अब क्लेम का निपटारा भी जल्दी होने की उम्मीद है, ताकि किसान लंबे समय तक परेशान न रहें.

खरीफ 2026 से पूरे देश में लागू होगी नई व्यवस्था

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नई व्यवस्था खरीफ 2026 से पूरे देश में लागू होगी. यानी दो साल के भीतर पूरा सिस्टम तैयार किया जाएगा- डेटा संग्रह से लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया और बीमा कंपनियों  की नई जिम्मेदारियों तक. हालांकि किसान अभी से योजना में अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और फसल बीमा के फायदे ले सकते हैं. कम प्रीमियम में बड़ी सुरक्षा मिलने के कारण इस योजना में किसानों की रुचि लगातार बढ़ रही है.

किसानों की सुरक्षा अब और मजबूत

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  पहले से ही सूखा, ओलावृष्टि, आंधी, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं को कवर करती थी. लेकिन दो बड़े खतरे- जंगली जानवर और जलभराव- अब जुड़ने से किसानों को पूरी सुरक्षा मिल जाएगी. किसानों का सबसे बड़ा डर हमेशा ये रहा है कि मेहनत का फल अचानक छिन न जाए. मगर इस बदलाव के बाद किसानों को मानसिक सुकून, आर्थिक सुरक्षा और खेती में स्थिरता मिलेगी. सरकार का मानना है कि इन संशोधनों से खेती और भी सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगी, जिससे किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 21 Nov, 2025 | 05:32 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.