धान किसानों को 7 दिन में हर हाल में पेमेंट देने का निर्देश, हर बोरी में तौल के बाद टैग लगाना अनिवार्य हुआ

Paddy Farmers Payment: मध्य प्रदेश में धान खरीद में गड़बड़ियां सामने आने के बाद शासन को धान खरीद और पंजीकरण नियमों में सख्ती बरतनी पड़ी है. पहले सिकमी, बटाईदार किसानों के सत्यापन में गड़बड़ी के चलते उपज खरीद 15 दिसंबर तक रोक दी गई. अब किसानों की पेमेंट और बोरियों में टैगिंग अनिवार्य की जा रही है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 7 Dec, 2025 | 11:17 AM

Madhya Pradesh Paddy Purchase: मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की सरकारी खरीद 1 दिसंबर से शुरू की गई है. इसके तहत धान की खरीद भी की जा रही है. लेकिन, तय 48 घंटे में पेमेंट किसानों को नहीं मिल पा रही है. किसान संगठनों ने राज्य शासन और जिला प्रशासन से मामले की शिकायत की है, जिसके बाद हर हाल में किसानों को 7 दिनों के भीतर उपज का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं होने पर केंद्र प्रभारी समेत जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा धान खरीद के बाद हर बोरी की तौल होने के बाद उस पर टैग लगाना अनिवार्य किया गया है, ताकि हेराफेरी से बचा जा सके.

मध्य प्रदेश में धान खरीद में शुरुआत से गड़बड़ियां देखी गई हैं, जिसके बाद शासन को धान खरीद और पंजीकरण नियमों में सख्ती भी बरतनी पड़ी है. पहले सिकमी, बटाईदार किसानों के सत्यापन में गड़बड़ी के चलते उनकी उपज की खरीद 15 दिसंबर तक रोक दी गई. अब किसानों की पेमेंट और बोरियों में टैगिंग अनिवार्य की जा रही है, जबकि, बाहरी धान की बिक्री रोकने और दलालों पर एक्शन लेने के लिए राजस्व विभाग की टीमें जिलावार सक्रिया कर दी गई हैं.

किसानों को अधिकतम 7 दिनों में भुगतान के निर्देश

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में निर्धारित खरीदी केन्द्रों में पंजीकृत किसानों से धान का उपार्जन किया जा रहा है. जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने करहिया मण्डी में सेवा सहकारी समिति खैरी क्रमांक एक के उपर्जान केन्द्र का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने कहा कि किसानों से निर्धारित सामान्य औसत किस्म का धान ही खरीदें. किसानों से किसी भी स्थिति में अतिरिक्त राशि लेने की सूचना मिली तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों की शिकायतें मिलने के बाद भुगतान हर हाल में 7 दिनों में करने के निर्देश खरीद केंद्रों को दिए गए हैं. महाप्रबंधक सहकारी बैंक और उप‍ संचालक कृषि किसानों को समय पर भुगतान की व्यवस्था करें.

तौल के बाद बोरी में टैग और एक्सटेंसिल लगाना अनिवार्य

उन्होंने कहा कि निर्देशों में कहा कि जो किसान पहले धान लेकर आता है उसकी तौल पहले कराएं. प्रत्येक बोरी में तौल के बाद टैग और एक्सटेंसिल अनिवार्य रूप से लगाकर उसमें किसानों के पंजीयन क्रमांक को दर्ज करें. ताकि, हेराफेरी की शिकायतों या मामलों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके और किसानों को मुश्किलों से बचाया जा सके. कलेक्टर ने मण्डी में भण्डारित 28 हजार क्विंटल धान का तत्काल उठाव और परिवहन कराने के निर्देश दिए.

बालाघाट में 185 केंद्रों पर धान के लिए 2369 रुपए एमएसपी दिया जा रहा

बालाघाट जिले में किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने और दलालों के शोषण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के व्यापक इंतजाम किए हैं. कलेक्टर मृणाल मीणा ने जिले में 185 खरीदी केंद्र निर्धारित किए हैं. धान खरीदी 1 दिसंबर 2025 से चल रही है जो 20 जनवरी 2026 तक चलेगी. समर्थन मूल्य 2369 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सभी केंद्रों पर बारदाने, तौल-कांटे, पेयजल, छाया एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था कर दी गई है. किसानों से साफ एवं सूखा धान ही लाने की अपील की गई है, जबकि FAQ गुणवत्ता से कम धान की खरीदी नहीं होगी.

कटनी में बाहरी धान बेचने वाले दलालों पर एक्शन

कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन 20 जनवरी 2026 तक किया जाएगा. कलेक्टर आशीष तिवारी ने इसके लिए 89 उपार्जन केंद्र स्थापित किए हैं और इनके संचालन व निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. उपार्जन केंद्रों में स्व-सहायता समूहों की ओर से भी 5 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. उपार्जन सोमवार से शुक्रवार सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक होगा, और तौल पर्ची शाम 6 बजे तक जारी की जाएगी.

बाहरी धान लाने पर रोक और दलालों पर सख्त निगरानी

कटनी कलेक्टर ने सभी अधिकारियों और प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों की मेहनत से उगाई गई उपज का दाना-दाना खरीदा जाए, जबकि बाहरी धान और दलालों पर सख्त नजर रखी जाए. इसके लिए राजस्व, खाद्य और कृषि उपज मंडी की संयुक्त टीम सक्रिय रहेगी. सभी केंद्रों पर फेयर एवरेज क्वालिटी उपज खरीदने के बैनर का प्रदर्शन और सर्वेयर एप में प्रभारी का पंजीकरण अनिवार्य है.

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