Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि तुअर दाल (अरहर दाल) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद को तुरंत मंजूरी दी जाए. साथ ही एनएएफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCE) के जरिए कर्नाटक के प्रमुख खरीद केंद्रों में तुरंत संचालन शुरू किया जाए, ताकि फसल की ताजा आवक से पहले प्रक्रिया तैयार हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय खरीद में और देरी होने से किसानों में असंतोष, दामों में गिरावट और MSP पर भरोसे की कमी हो सकती है. इस खरीफ मौसम (2025-26) में कर्नाटक में लगभग 16.8 लाख हेक्टेयर में तुअर दाल बोई गई है और अनुमानित उत्पादन 12.60 लाख मीट्रिक टन से अधिक है.
यह फसल कलबुर्गी, यदगिर, बीदर, रायचूर, विजयपुरा, कोप्पल, बेलगावी, बल्लारी, विजयनगर, बागलकोट, कोलार, चिक्काबल्लापुर और चित्रदुर्ग जैसे प्रमुख जिलों के किसानों की आय की रीढ़ है. कर्नाटक ने 6 नवंबर को MSP आधारित खरीद की मंजूरी के लिए औपचारिक प्रस्ताव भी सरकार को भेजा था. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय बाजार में तुअर दाल के दाम 5,830 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं, जबकि 2025-26 के लिए MSP लगभग 8,000 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है.
किसानों की आय पर गंभीर असर पड़ सकता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुअर दाल की सबसे ज्यादा आवक दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच होने की उम्मीद है, लेकिन केंद्र सरकार खरीद केंद्र फरवरी और मार्च में ही खोलेगी. इससे किसानों की आय पर गंभीर असर पड़ सकता है, अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए. उन्होंने कहा कि जब बाजार की कीमत MSP से नीचे गिरती है, तो यह सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं है, बल्कि किसान और राज्य के बीच भरोसे का सवाल है. किसान MSP के भरोसे अपनी फसल उगाते हैं. हर दिन की देरी किसानों को मजबूरी में बिक्री, कर्ज और स्थायी वित्तीय नुकसान के करीब ले जा रही है.
अब 50 क्विंटल मक्के की होगी खरीद
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि कर्नाटक सरकार ने मक्का खरीद की सीमा 20 क्विंटल से बढ़ाकर 50 क्विंटल कर दी. यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बंपर पैदावार के बाद बाजार भाव गिर गए थे. सरकार के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि नई सीमा किसान की जमीन के रकबे के अनुसार तय होगी, जैसा कि ‘फ्रूट्स’ डेटाबेस में दर्ज है. इसमें बताया गया है कि किसान की प्रति एकड़ जमीन के हिसाब से 12 क्विंटल की दर से अधिकतम 50 क्विंटल मक्का तक सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. साथ ही खरीद के लिए उन PACS को प्राथमिकता दी जाएगी जो डिस्टिलरी के पास स्थित हैं. समर्थन मूल्य पहले की तरह 2,400 रुपये प्रति क्विंटल ही रहेगा.