महाराष्ट्र के प्याज किसान इन दिनों भारी आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार की एजेंसी NAFED (नेफेड) द्वारा की जा रही प्याज की खरीदी पारदर्शी नहीं है. इस वजह से उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहे हैं और करोड़ों रुपये का घाटा हो रहा है. किसानों ने इस मुद्दे को लेकर त्योहारों के समय भी प्रदर्शन करने का रास्ता अपनाया है. इनका कहना है कि अगर सरकार पारदर्शी व्यवस्था लागू नहीं कर सकती तो नेफेड की खरीदी बंद कर देनी चाहिए.
NAFED की खरीदी प्रणाली पर गंभीर आरोप
प्याज किसानों का कहना है कि NAFED पिछले कई सालों से प्याज की बफर स्टॉक के लिए खरीदी कर रही है, लेकिन इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होती है. किसानों को उनके प्याज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता और वे साल-दर-साल घाटा उठाते हैं. किसानों के अनुसार, यह घाटा करोड़ों रुपये तक पहुंच गया है. इसलिए वे अब खुलकर विरोध जता रहे हैं.
पोला़ त्योहार पर अनोखा प्रदर्शन
एक किसान ने नासिक जिले में पोला त्योहार के मौके पर अनोखा प्रदर्शन किया. पोला किसानों द्वारा बैलों के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व होता है. इस अवसर पर किसान ने अपने बैलों पर NAFED गो बैक लिखवाकर विरोध जताया. यह प्रदर्शन किसानों की नाराजगी और पीड़ा को सामने लाने के लिए किया गया था.
मुख्य मांगें: पारदर्शिता और गारंटीड दाम
किसानों की प्रमुख मांगें हैं:-
- प्याज खरीदी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो.
- किसानों को उनकी उपज के लिए गारंटीड और उचित मूल्य मिले.
- अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई हो.
- केंद्र और राज्य सरकार एक स्पष्ट नीति बनाए.