नौतपा गर्मियों के मौसम का वो समय होता है जब मई की आखिर और जून के शुरुआती दिनों में 9 दिन के लिए गर्मी अपने चरम पर होती है. इस दौरान सूरज की किरणें और तेज धूप सीधे धरती पर पड़ती है. ऐसे में सभी लोगों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. बता दें कि नौतपा के दौरान बच्चों पर इसका ज्यादा असर होता है. क्योंकि बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है.
हीट स्ट्रोक का खतरा
आमतौर पर बच्चे धूप में खेलते हैं जिसके कारण उन्हें बहुत पसीना आता है. इसलिए उनके शरीर में पानी की कमी होने लगती है. बच्चे बहुत जल्दी डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. जिससे उन्हें कमजोरी और चक्कर की समस्या होने लगती है. तेज धूप में खेलने के कारण बच्चों के शरीर का तापमान काफी हद तक बढ़ सकता है. ऐसा होने पर उन्हें हीट स्ट्रोक, उल्टी , बेहोशी, तेज बुखार जैसे समस्याएं हो सकती हैं. इस तरह की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाकर सलाह लें.
एलर्जी और कम भूख लगना
नौतपा के दौरान अगर बच्चे ज्यादा समय तक धूप में रहते हैं तो पसीने के कारण उनके शरीर में घमौरी होने लगती हैं. खुजली और स्किन रैश की भी समस्या आ सकती है. तेज गर्मी में बच्चों को भूख कम लगने लगती है और उनमें कमजोरी और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है. इसके साथ ही गर्मी में बाहर का या घर का बासी खाना खाने से बच्चों को कई तरह की समस्या हो सकती है. जितना हो सके बच्चों को घर का ताजा और पौष्टिक खाना ही खिलाएं.
नौतपा से ऐसें करें बचाव
नौतपा के दौरान बच्चों को रोज कम से कम 6 से 8 बार पीने वाली चीजें दें . जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, आम का पना आदि. ये बच्चों के शरीर में पानी की कमी भी नहीं होने देंगे और ठंडक भी पहुंचाएंगे. दोपहर 11 बजे से शाम 5 बजे तक बच्चों को घर से बाहर धूप में न निकलने दें. अगर बच्चे बाहर जा रहे हैं तो उनका सिर जरूर ढकें और हल्के-ढीले सूती कपड़े पहनाएं. खाने में पोषण भरी चीजें शामिल करें जैसे तरबूज, खीरा, आम, ककड़ी, दलिया, दही , छाछ आदि.