Goat Farming Warning: बच्चे देने के बाद बकरी को न दिया ये आहार तो 14 दिन में जा सकती है जान!

Bakri Palan Ke Tips: कम लागत में मुनाफा कमाने का सपना देख रहे किसानों के लिए बकरी पालन एक सुनहरा मौका बनकर उभरा है. सही नस्ल, वैज्ञानिक देखभाल और थोड़ी-सी समझदारी से यह काम आमदनी का मजबूत जरिया बन सकता है. खासकर सर्दियों में गर्भवती बकरियों और नवजात बच्चों की सही देखभाल जान लें, तो नुकसान नहीं बल्कि फायदा तय हो जाता है.

नोएडा | Updated On: 27 Dec, 2025 | 04:56 PM
1 / 6

बहुत से किसान बकरी पालन को इसलिए अपना रहे हैं क्योंकि इसमें कम लागत में अच्छी आमदनी होती है. वैज्ञानिक प्रजनन और सही नस्ल चयन से उत्पादन तेजी से बढ़ाया जा सकता है.

2 / 6

पशु एक्सपर्ट की मानें तो के अनुसार, बकरी पालन में सफलता का आधार गर्भवती और दूध देने वाली बकरियों का सही पोषण है, खासकर सर्दियों में जब ज्यादातर बकरियां बच्चे देती हैं.

3 / 6

सर्दियों में बकरियों को सिर्फ चरने पर छोड़ना भारी गलती हो सकती है. इस दौरान उन्हें विशेष दाना, मिनरल मिक्स, प्रोटीनयुक्त आहार और साफ पानी नियमित रूप से देना बेहद जरूरी है.

4 / 6

पोषण की कमी से प्रसव के बाद बकरियों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं. इसलिए प्रसव के 14 दिन बाद कृमिनाशक दवा देना अनिवार्य है, साथ ही CDT, PPR और FMD जैसे टीके समय पर लगवाना जरूरी है.

5 / 6

नवजात बच्चों के लिए निमोनिया सबसे बड़ा खतरा होता है. शेड को गर्म, सूखा और हवा से सुरक्षित रखें. पैदा होते ही बच्चे को मां का पहला दूध (कोलोस्ट्रम) जरूर पिलाएं, यही उसकी पहली इम्युनिटी है.

6 / 6

18–20 दिन बाद बच्चों को हरी पत्तियां और एक महीने में पिसा दाना देना शुरू करें. तीन महीने की उम्र में टीकाकरण जरूरी है. बकरी का दूध स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है.

Published: 27 Dec, 2025 | 08:30 PM

Topics: