Dairy Farming: 600-700 लीटर तक दूध दे सकती है गाय की ये देसी नस्लें, कम लागत में देती है बंपर उत्पादन!
Dairy Farming Tips: अगर आप किसान हैं और कम निवेश में लगातार कमाई बढ़ाना चाहते हैं, तो देसी गायों की ये चुनिंदा नस्लें आपकी किस्मत बदल सकती हैं. देशभर में ऐसी कई देसी गायें हैं जो कम चारा खाती हैं, जल्दी बीमार नहीं पड़तीं और दूध इतना पौष्टिक देती हैं कि बाजार में तुरंत बिक जाता है. ये नस्लें अब किसानों की पहली पसंद बन रही हैं क्योंकि ये न सिर्फ ज्यादा दूध देती हैं, बल्कि हर मौसम में आसानी से एडजस्ट भी हो जाती हैं. दूध, घी, पनीर से लेकर जैविक खेती तक—इन गायों से कई गुना कमाई का रास्ता खुलता है.
Dairy Farming: गाओलाओ, कोसली, कोंकण कपिला, घुमुसारी और कृष्णा वैली जैसी देसी नस्लें तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं क्योंकि ये कम चारे में भी अच्छा दूध उत्पादन देती हैं और देखभाल में ज्यादा खर्च नहीं मांगतीं.
Gaolao Breed: मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र की यह गाय 470–725 लीटर दूध प्रति ब्यांत देती है और इसका 4.32% वसा वाला दूध बेहद पौष्टिक माना जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत—बहुत कम बीमार पड़ती है.
Ghumusari Breed: ओडिशा की यह सफेद रंग की नस्ल 450–650 लीटर दूध देती है. 4.8–5% वसा वाला दूध इसे और भी क्रीमी बनाता है. कम चारा खाने के बावजूद दूध उत्पादन बढ़िया होने से यह छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है.
Krishna Valley Breed: कर्नाटक की यह नस्ल 400–700 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. हर मौसम में आसानी से ढल जाती है और इसकी देखभाल पर बहुत कम खर्च आता है. 300–350 किलो वजन के साथ यह व्यावसायिक उपयोग में भी बेहतर है.
Best Cow Breeds: इन गायों का दूध हाई-क्वालिटी देसी घी और ताजा पनीर बनाने में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, जिससे किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिलती है.
Zyada Doodh Dene Wali Gay: देसी गायों को पालना जैविक खेती के लिए भी लाभदायक है. इनके गोबर और गोमूत्र से किसान अतिरिक्त आय कमा रहे हैं, जिससे पशुपालन एक बहु-लाभकारी मॉडल बनता जा रहा है.