Dussehra 2025: भगवान राम की लंका विजय से पांडवों के वनवास तक, जानें इस बार कब मनाई जाएगी विजयादशमी!

Dussehra 2025: दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, केवल एक त्योहार नहीं बल्कि अच्छाई की बुराई पर विजय का अद्भुत संदेश है. यह पर्व हमें याद दिलाता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, धर्म और न्याय की हमेशा जीत होती है. 2025 में यह महापर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. भगवान राम द्वारा रावण पर विजय, देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का नाश और पांडवों की वनवास के बाद की सफलता, इन सभी घटनाओं का प्रतीक बनकर दशहरा हमें साहस, भक्ति और नई शुरुआत की प्रेरणा देता है.

नोएडा | Updated On: 30 Sep, 2025 | 07:08 PM
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Dussehra: दशहरा भगवान राम द्वारा रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण पर विजय का प्रतीक है. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और रामायण की कथा को जीवित रखता है.

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Dussehra Story: युद्ध से पहले भगवान राम ने देवी अपराजिता की पूजा की थी. उनकी आशीर्वाद से ही विजय संभव हुई. आज भी दशहरा पर देवी अपराजिता की पूजा और मंत्र जाप शुभ माना जाता है.

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Dussehra 2025: दक्षिण भारत में शमी पूजा (बन्नी पूजा) का विशेष महत्व है. यह अर्जुन द्वारा अपने हथियार छिपाने और बाद में विजय पाने की कहानी की याद दिलाती है. शमी पूजा सौभाग्य और नई शुरुआत का प्रतीक है.

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Dussehra Significance: बंगाल में दशहरा दुर्गा पूजा का समापन है. इस दिन देवी दुर्गा अपने स्वर्ग लौटती हैं. यह महिषासुर पर दुर्गा की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है.

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Vijayadashami : विजयादशमी पांडवों की 14 साल की वनवास के बाद की विजय को भी याद करती है. यह त्योहार सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

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Vijayadashami 2025: उत्तर व पश्चिम भारत में रावण दहन और रामलीला, दक्षिण में गोलू और शमी पूजा, बंगाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और कई जगहों पर फसल उत्सव के रूप में दशहरा मनाया जाता है. यह समृद्धि, नई शुरुआत और अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

Published: 30 Sep, 2025 | 08:22 PM

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