Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्य के जलीय कृषि (एक्वा सेक्टर) को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए. अमेरिका द्वारा झींगा निर्यात (Shrimp Export) पर भारी टैरिफ लगाने से यह सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. नायडू ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman), वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि इस संकट का सीधा असर राज्य की 2.5 लाख एक्वा किसान परिवारों और 30 लाख लोगों पर पड़ा है, जो इस उद्योग से जुड़े हैं.
आंध्र प्रदेश देश की जलीय कृषि में सबसे आगे है. भारत के कुल झींगा निर्यात का 80 फीसदी और समुद्री उत्पादों के कुल निर्यात का 34 फीसदी हिस्सा अकेले इस राज्य से आता है, जिसकी वार्षिक कीमत 21,246 करोड़ रुपये है. लेकिन अप्रैल 2025 से अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के कारण लगभग 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. करीब 50 फीसदी निर्यात ऑर्डर रद्द हो चुके हैं और 2,000 कंटेनरों पर 600 करोड़ रुपये का टैरिफ लग चुका है. इस संकट ने खासकर गोदावरी जिलों में लोगों की आजीविका को गंभीर खतरे में डाल दिया है, जहां एक्वा फार्मिंग प्रमुख आर्थिक गतिविधि है.
5 फीसदी 5 कटौती की मांग
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री नायडू ने तत्काल राहत के तौर पर कुछ अहम कदम सुझाए हैं. उन्होंने मांग की कि एक्वा उत्पाद निर्यात करने वाली कंपनियों को 240 दिनों तक ब्याज में छूट (मोरेटोरियम) दी जाए. इसके साथ ही फ्रोजन झींगा पर लगने वाले 5 फीसदी GST को अस्थायी रूप से माफ किया जाए और कंपनियों पर पड़े आर्थिक बोझ को कम करने के लिए ब्याज पर सब्सिडी दी जाए.
100 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड बनाने की मांग
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय से अपील की है कि वह यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और रूस जैसे देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) करने पर तेजी से काम करे. उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यातक यूरोपीय देशों को समुद्री उत्पाद भेजने के लिए तैयार हैं. घरेलू खपत बढ़ाने के लिए नायडू ने केंद्र सरकार से 100 करोड़ रुपये का कोष (कॉर्पस फंड) बनाने की मांग की है, जिससे कोल्ड स्टोरेज और स्वच्छ मछली बाजार बनाए जा सकें.
भारत में कितनी है मछली की खपत
इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण भारत से उत्तर भारत तक मछली उत्पाद ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था और सीफूड के पोषण संबंधी लाभों पर जन जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया. भारत में फिलहाल प्रति व्यक्ति मछली की खपत सिर्फ 12 से 13 किलो सालाना है, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ 20 से 30 किलो प्रति वर्ष की सिफारिश करते हैं. मुख्यमंत्री ने मछुआरों के लिए 1 लाख रुपये तक का एकमुश्त लोन किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए देने और ICAR-CIBA और ICAR-NBFGR की क्षेत्रीय शाखाएं आंध्र प्रदेश में खोलने की भी मांग की है. राज्य सरकार पहले ही एक्वा फीड की कीमत 9 रुपये प्रति किलो घटा चुकी है और अब सब्सिडी वाली ट्रांसफार्मर सप्लाई पर भी काम कर रही है. नायडू ने जोर देकर कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय से ही इस सेक्टर को स्थिर किया जा सकता है, ताकि लाखों लोगों की आजीविका को बचाया जा सके.